इस्लामाबाद, 29 नवंबर (हि.स.)। पाकिस्तान के जमात-ए-इस्लामी ने युवाओं के बीच बढ़ती बेरोजगारी और कीमतों में वृद्धि को लेकर इमरान खान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में भाग लेने वाले युवा इमरान खान के उस दावे को खारिज कर रहे थे जिसमें उन्होंने कहा है कि देश में एक करोड़ नौकरियां दी गई हैं।
विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व जमात-ए-इस्लामी अमीर सिराजुल हक ने किया। उन्होंने रैली को संबोधित करते हुए उन वादों का उल्लेख किया जिन्हें इमरान खान पूरा करने में विफल रहे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में गरीब और अमीर वर्गों के लिए न्याय के अलग-अलग मापदंड हैं। उन्होंने कहा कि अगर इस्लामाबाद में कॉन्स्टिट्यूशन एवेन्यू के सामने एक गगनचुंबी इमारत को नियमित किया जा सकता है तो कराची के नस्ला टावर को क्यों नहीं किया जा सकता। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस्लामाबाद के टावर में लग्जरी फ्लैटों का मालिकाना हक अभिजात वर्ग के लोगों के पास है।
सिराजुल हक ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी ने 2018 के आम चुनाव में धांधली करके जीत हासिल की, लेकिन वे सत्ताधारी शासन का समर्थन करने वालों को उन पुरानी रणनीति का उपयोग करने की अनुमति नहीं देंगे। ये राजनेता पहले पीपीपी और पीएमएलएन में थे लेकिन अपने निहित स्वार्थों के लिए पिछले चुनावों में पीटीआई का समर्थन किया था। सिराजुल हक ने यह भी उल्लेख किया कि पाकिस्तान की युवा पीढ़ी के लिए जमात-ए-इस्लामी उम्मीद की आखिरी किरण है।