700 छात्र-छात्राओं को दी उच्च शिक्षा की उपाधि
हरिद्वार, 28 नवंबर (हि.स.)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द आज अपने हरिद्वार दौरे के कार्यक्रम के तहत पतंजलि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। इस मौके पर राष्ट्रपति ने 71 उत्कृष्ट छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक और 700 छात्रों को उच्च शिक्षा उपाधि प्रदान की। राष्ट्रपति सुबह 10.40 बजे हरिद्वार के पतंजलि योग पीठ पहुंचे थे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कहा कि वह इस कार्यक्रम में पहले शिरकत करना चाहते थे, लेकिन कोविड-19 के कारण सभी कार्यक्रमों को स्थगित करना पड़ा। आज समारोह में आकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि एक अच्छा कार्य, जो अधूरा रह गया था वह आज पूरा हो रहा है। राष्ट्रपति ने स्नातक और स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई दी।
राष्ट्रपति ने कहा कि हरिद्वार का भारतीय परंपरा में एक विशेष महत्व है। हरिद्वार को हरि का द्वार भी कहा जाता है। हरि यानी विष्णु हर यानी शिव इस प्रकार हरिद्वार भगवान विष्णु और महादेव शंकर दोनों की पावन स्थली में प्रवेश का द्वार है। इससे भी बढ़कर यहां की पावन धरती पर रहने का और शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिला। यह सभी विद्यार्थियों के लिए बड़ी सौभाग्य की बात है।
राष्ट्रपति ने कहा कि स्वामी रामदेव के योगाभ्यास के योगदान ने आज अनगिनत लोगों का कल्याण किया है। आज से 10-15 साल पहले भारत में योग को एक तपस्या माना जाता था। लोग ऐसा सोचते थे कि योग वही कर सकता है, जो सन्यासी होगा, जिसने घर गृहस्थी छोड़ दी होगी और जो साधु संत होगा। लेकिन स्वामी रामदेव ने योग की परिभाषा को बदल दिया। आज हर व्यक्ति चाहे ट्रेन में सफर कर रहा हो या बस में उसको कभी आप लोगों ने ध्यान से देखा होगा तो वह तो अनुलोम-विलोम में लगा होगा।
इससे पूर्व उत्तराखंड पहुंचने पर राष्ट्रपति का राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वागत किया। इससे पहले राष्ट्रपति कोविंद अक्टूबर 2019 में भी हरिद्वार आए थे। उन्होंने पत्नी सविता कोविन्द के साथ हरिद्वार के कनखल स्थित हरिहर आश्रम में पहुंचकर श्री पारदेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना और रुद्राभिषेक किया था।