नगर निकाय चुनाव में साजिशों का जनता ने किया डंटकर मुकाबला, शांतिपूर्ण रहा मतदान : भाजपा

अगरतला, 25 नवम्बर (हि.स.)| राज्य के निवासियों ने आज नगर निकाय चुनाव को लेकर हो रही सभी साजिशों का डंट कर मुकाबला किया है। लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा की है। प्रदेश भाजपा ने मतदान के बाद शाम को एक संवाददाता सम्मेलन में मतदाताओं का आभार व्यक्त किया।

सत्तारूढ़ दल ने मतदान में रिगिंग के आरोप लगाने के लिए सीपीएम और तृणमूल कांग्रेस की तीखी आलोचना की। पार्टी प्रवक्ता नबेंदू भट्टाचार्य ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि शक्तिहीन सीपीएम को जहरीले दांत चाहिए। इसलिए, वह तृणमूल की साजिश में सीपीएम शामिल था। उन्होंने वोट को रद्द कराने की कोशिश की। लेकिन उसमें भी वह सफल नहीं हो सके। उन्होंने कहा कि गत 28 नवम्बर को चुनाव परिणाम से सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से त्रिपुरा का माहौल अशांत बनाने की साजिश रची जा रही थी। मतदाता तृणमूल और उसके सहयोगियों सीपीएम की साजिशों का सामना करते हुए जमकर मतदान किया। उन्होंने दावा किया कि साजिशकर्ता पूरे दिन नहीं रुके। अस्थिरता पैदा करने की कोशिश करते रहे।

उन्होंने कहा कि सीपीएम और तृणमूल के पास आरोप लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। भट्टाचार्य ने दावा किया कि विपक्ष पोलिंग एजेंट मुहैया नहीं करा सका। इसका प्रमाण प्रपत्र संग्रह की गणना से प्राप्त हुआ है। उन्होंने साफ कहा, विपक्ष ने सत्तारुह पार्टी के खिलाफ झूठा आरोप लगाया है।

भाजपा नेता ने कहा कि पांच निर्वाचन क्षेत्रों में कुछ शिकायतें थीं। इसमें 217 सीटों पर मतदान स्वतंत्र और शांतिपूर्ण रहा है, यह साबित हो गया है। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि विपक्ष ने आज सम्मानजनक वापसी का रास्ता चुना है। उन्होंने कहा कि पहले नगर निगम चुनाव में केंद्रीय बलों को तैनात किया गया है। सुप्रीम कोर्ट चुनाव की निगरानी कर रहा है।

भाजपा के अनुसार, पुलिस को विपक्ष द्वारा लगाए गए सभी आरोपों की जांच करनी चाहिए। क्योंकि, विपक्ष ने कानून-व्यवस्था की स्थिति को खराब करने की पूरी कोशिश की है। मतदाताओं ने सभी साजिशों का जवाब दिया है। उन्होंने दावा किया कि छिटपुट घटनाओं को छोड़कर चुनाव शांतिपूर्ण रहा।

उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर साजिश के प्रयास किए गए, लेकिन साजिशकर्ता सफल नहीं हो सके। सीधे शब्दों में कहें तो तृणमूल चुनाव लड़ने के लिए त्रिपुरा नहीं आई थी। वो सीपीएम के लिए आयी है। लोग इसे समझ चुके हैं।

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