भोपाल, 15 नवम्बर (हि.स.)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस भगवान बिरसा मुंडा का ही नहीं, संपूर्ण जनजातीय समाज का सम्मान है। रानी दुर्गावती, टंट्या मामा, भीमा नायक, खाज्या नायक, शंकर शाह रघुनाथ शाह, रघुनाथ सिंह मण्डलोई, राजा भभूत सिंह, गंजन सिंह कोरकू, राजा धीर सिंह जैसे अनेक जनजातीय योद्धा हैं। यह सबका सम्मान है।
मुख्यमंत्री चौहान सोमवार को जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर राजधानी भोपाल के जम्बूरी मैदान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में आयोजित जनजातीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष में जनजातीय क्रांतिकारियों के योगदान को याद करते हुए भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिवस (15 नवम्बर) पर जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय भारत सरकार की कैबिनेट ने लिया है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हृदय से आभारी हूं।
उन्होंने कहा कि धन्य हैं प्रधानमंत्री मोदी जी, उन्होंने हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति के नाम पर रखकर रानी का सम्मान बढ़ाया है,जनजातीय समाज, भोपाल और मध्यप्रदेश का सम्मान बढ़ाया है। मैं मध्यप्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता और जनजातीय समाज की ओर से प्रणाम करता हूं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राजधानी भोपाल में कभी गोंडवाना का राज्य हुआ करता था। भोपाल से लेकर गिन्नौरगढ़, गढ़ामंडला, संग्रामपुर ये 52 गढ़ थे। उनमें से एक गढ़ की रानी थी कमलापति। दोस्त मोहम्मद खान ने पहले इस्लाम नगर को लूटा, बाद में भोपाल पर कब्जा करने के बाद गिन्नौर पर भी उसकी गिद्ध दृष्टि गई। रानी पर भी दोस्त मोहम्मद खान की बुरी नजर थी। रानी के बेटे नवल शाह वीरता पूर्वक लड़े लेकिन वह शहीद हो गए। जब रानी को यह समाचार मिला और उनको लगा कि वह अपने राज्य का संरक्षण और सम्मान की रक्षा नहीं कर पाएंगी तो उन्होंने छोटे तालाब में जल समाधि ले ली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस के रूप में जनजातीय समाज को अपने गौरवमयी संघर्षमयी इतिहास का सम्मान मिला है। जनजातियां, भारतीय संस्कृति की ध्वजवाहक हैं। मोदी जी के नेतृत्व में किये जा रहे चहुंमुखी प्रयास उनके अमर बलिदानों को राष्ट्र की सच्ची श्रद्धांजलि है। यह केवल सम्मेलन नहीं है, बल्कि गरीब और जनजातीय समाज की जिंदगी बदलने का अभियान है, जो प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में शुरू हुआ है। आज मैं इस मंच से कहता हूं कि गरीबों और जनजातीय समाज का सबसे बड़ा हितैषी कोई है तो वह हैं नरेंद्र मोदी जी।
उन्होंने कहा कि भौगोलिक रूप से नर्मदा, सतपुड़ा एवं विंध्याचल पर्वतीय क्षेत्र में जनजातीय बहुतायत में निवास करते हैं। परिवहन सुविधा न होने एवं सुदूर इलाके होने से इन समूहों तक अन्य क्षेत्रों जैसा आर्थिक विकास नहीं हो पाया है। इसलिए हमने नर्मदा एक्सप्रेस-वे बनाने का निर्णय लिया है। पेसा कानून के पन्द्रह उपबंधों में से जो चार उपबन्ध केन्द्रीय कानूनों के सम्यक न होने के कारण लागू नहीं हो पा रहे थे, उनको भी जमीनी स्तर पर लागू करने का निर्णय लिया है। पेसा के चरणबद्ध लागू होने के बाद वनोपज पर ग्राम सभाओं का अधिकार होगा। सीएम चौहान ने कहा कि जनजातीय समुदाय के लिए ‘राशन आपके ग्राम’ योजना आज से शुरू की गई है। राशन पहुंचाने का कार्य भी हमारे जनजातीय भाई ही करेंगे। जनजाति भाइयों को बैंक से ऋण उपलब्ध कराकर गाड़ी दिलाने की जिम्मेदारी हमारी होगी।