नई दिल्ली, 13 नवम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 नवम्बर को आकाशवाणी पर प्रसारित होने वाले मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के लिए देशवासियों से सुझाव मांगे हैं। यह ‘मन की बात’ का 83वां संस्करण होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को ट्वीट कर कहा, “मैं इस महीने की 28 तारीख को होने वाली ‘मन की बात’ के संभावित विषयों और थीम पर आपकी राय जानना चाहता हूं। आप अपनी राय माई गव या नमो एप पर साझा कर सकते हैं या फिर आप 1800117800 नंबर पर भी अपना संदेश रिकॉर्ड कर भेज सकते हैं।”
प्रधानमंत्री ने 24 अक्टूबर को प्रसारित मन की बात के पिछले अंक में देश को ड्रोन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी बनाने का लक्ष्य रखा था। ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान के तहत त्योहारों में स्थानीय उत्पाद खरीदने के साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक से मु्क्ति और स्वच्छता बनाये रखने की प्रतिबद्धता दोहराई थी।
प्रधानमंत्री ने 100 करोड़ कोरोना रोधी टीकाकरण कार्यक्रम की सफलता का श्रेय सभी देशवासियों को देते हुए इसे भारत के सामर्थ्य का प्रतीक करार दिया था।
प्रधानमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा के संघर्ष को याद करते हुए कहा कि उन्होंने जिस तरह अपनी संस्कृति, अपने जंगल, अपनी जमीन की रक्षा के लिय संघर्ष किया, वह कोई धरती आबा ही कर सकते थे। उन्होंने हमें अपनी संस्कृति और जड़ों के प्रति गर्व करना सिखाया।
प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र दिवस का जिक्र करते हुये कहा कि संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के समय से ही भारत इससे जुड़ रहा है। भारत ने आजादी से पहले 1945 में ही संयुक्त राष्ट्र के चार्टर पर हस्ताक्षर किये थे। उन्होंने कहा कि इस धरती को एक बेहतर और सुरक्षित ग्रह बनाने में भारत का योगदान विश्व के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।
प्रधानमंत्री ने पिछले सात वर्षों में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या दोगुनी होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि 2014 में जहां इनकी संख्या 1.5 लाख के करीब थी। वहीं 2020 तक इसमें दोगुने से भी ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। यह संख्या अब 2.15 लाख तक पहुंच गई है।
प्रधानमंत्री ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के मद्देनजर देशवासियों से भारत की एकता का संदेश देने वाली किसी ना किसी गतिविधि से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि संस्कृति मंत्रालय देशभक्ति गीत, रंगोली और लौरी पर तीन राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं आयोजित करेगा।
प्रधानमंत्री ने लौहपुरुष को नमन करते हुए कहा कि 31 अक्टूबर को हम ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाते हैं। हम सभी का दायित्व है कि हम एकता का संदेश देने वाली किसी-ना-किसी गतिविधि से जरूर जुड़ें।
उन्होंने कहा कि कहा कि ये तीनों प्रतियोगिताएं 31 अक्टूबर को सरदार साहब की जयंती से शुरू होने जा रही हैं। आने वाले दिनों में संस्कृति मंत्रालय इससे जुड़ी सारी जानकारी देगा। यह जानकारी मंत्रालय की वेबसाइट पर भी होगी और सोशल मीडिया पर भी दी जाएगी।