ट्राम से मेट्रो तक पहुंचने में औद्योगिक नगर को लग गए 114 साल
— मुख्यमंत्री ने ट्रायल रन के साथ मेट्रो में सफर कर प्रथम यात्री के रूप में बनाया कीर्तिमान
— निर्धारित समय से पूर्व मेट्रो कार्य पूर्ण, अगले 05 से 06 सप्ताह में यात्रियों को सौंपी जाएगी सौगात
कानपुर, 10 नवम्बर (हि.स.)। केंद्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना कानपुर मेट्रो की सौगात जल्द ही जनता को मिलने जा रही है। नौ किमी0 के प्रथम चरण के ट्रैक पर मंगलवार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बटन दबाकर इसके ट्रायल रन की विधिवत शुरूआत की। उन्होंने ट्रायल रन का शुभारंभ करने के साथ ही मेट्रो में पहले यात्री के रूप में सफर कर कीर्तिमान भी बनाया है। मेट्रो का ट्रायल रन शुरू होते ही अब कानपुर का नाम भी 114 साल के बाद ट्राम से मेट्रो शहरों में शुमार हो गया है।
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कानपुर में मेट्रो ट्रेन चलाने के सपने को आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औद्योगिक नगरी पहुंचकर बटन दबाकर साकार कर दिया। विधि—विधान के साथ मेट्रो ट्रेन के प्रथम चरण के नौ किमी0 लम्बे आईआईटी से मोतीझील तक के ट्रैक पर ट्रायल रन शुरू हो गया। खुद मुख्यमंत्री ने ट्रायल रन की शुरूआत करते हुए अत्याधुनिक तकनीक से लैस मेट्रो ट्रेन में सफर किया और पहले यात्री के रूप में रिकार्ड अपने नाम कायम कर लिया।
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 नवम्बर, 2019 को कानपुर में मेट्रो ट्रेन निर्माण की प्रथम चरण के आईआईटी से मोतीझील तक के सेक्शन पर निर्माण कार्यों का उद्घाटन किया था। इस सेक्शन का काम पूरा करने के लिए उन्होंने दो साल का समय निर्धारित किया था। इस बीच कोविड की चुनौती को पार करते हुए उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. के प्रबंध निदेशक कुमार केशव के नेतृत्व में बेहद गुणवत्तापूर्ण व मनाकों के अनुरूप मेट्रो ट्रैक व अन्य निर्माण कार्य को समय से पांच दिन पूर्व पूर्ण कर लिया गया।
इस अवसर पर सांसद सत्यदेव पचौरी, देवेन्द्र सिंह भोले, विजय बहादुर पाठक, क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेन्द्र सिंह, कैबिनेट मंत्री सतीश महाना, राज्यमंत्री नीलिमा कटियार, महापौर प्रमिला पांडेय, विधायक सुरेन्द्र मैथानी, अभिजीत सिंह सांगा, महेश त्रिवेदी, भगवती सागर, अरूण पाठक, उपेन्द्र पासवान, सुनील बजाज, कृष्ण मुरारी शुक्ला, बीना आर्या पटेल के साथ उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. (यूपीएमआरसी) के चेयरमैन तथा सचिव, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार दुर्गाशंकर मिश्रा और यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव तथा अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहें।
बुधवार से शुरू होगा प्रथम चरण के ट्रैक पर विधिवत ट्रायल
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने बताया कि बुधवार से औपचारिक रूप से कानपुर मेट्रो के प्राथमिक सेक्शन पर ट्रायल्स की शुरुआत होगी। बताया कि कानपुर में आईआईटी से मोतीझील के बीच निर्मित 09 किमी. लम्बा प्राथमिक सेक्शन दो साल से भी कम समय में बनकर, ट्रायल के लिए तैयार हुआ है और जल्द ही इस पर यात्री सेवाओं का भी शुभारंभ किया जाएगा।
आरडीएसओ छह हफ्ते तक करेगा मेट्रो ट्रेन का ट्रायल
मुख्यतः, रिसर्च डिजाइन ऐंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) द्वारा लगभग छह हफ्तों तक मेट्रो ट्रेन के साथ ट्रायल किया जाएगा। जिसके अंतर्गत ट्रेन के सस्पेंशन, परिचालन के दौरान ट्रेन बॉडी में आने वाले वाइब्रेशन, ब्रेक्स और गति आदि के संबंध में विभिन्न परीक्षण किए जाएंगे। आरडीएसओ के परीक्षण पूरे होने के बाद मेट्रो रेल संरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) से अनुमोदन प्राप्त कर, मेट्रो की यात्री सेवाओं को जल्द ही आम जनता को समर्पित कर दिया जाएगा।
कोविड की चुनौती को पार कर तेजी चलता रहा निर्माण
शुभारंभ के बाद से यूपीएमआरसी ने निरंतर कानपुर मेट्रो के निर्माण कार्यों की तेज रफ्तार को बनाए रखा और नए प्रतिमान स्थापित किए। इनके पहले पियर (पिलर) का निर्माण 31 दिसंबर, 2019 को हुआ। 20 जनवरी, 2020 को यू-गर्डर निर्माण का शुभारंभ किया। 02 मार्च 2020 को पियर कैप परिनिर्माण (इरेक्शन) का शुभारंभ किया। 25 जुलाई 2020 को डबल टी-गर्डर परिनिर्माण का शुभारंभ हुआ। 11 अगस्त 2020 को यू-गर्डर परिनिर्माण का शुभारंभ किया गया।
14 मार्च 021 को अंतिम (439वें) डबल टी-गर्डर का परिनिर्माण हुआ। इसके बाद 02 अक्टूबर 2021 को अंतिम (624वें) यू-गर्डर का परिनिर्माण सफलता पूर्वक पूर्ण किया गया।
नवोन्मेष एवं उपलब्धियां : डबल टी-गर्डर
कानपुर मेट्रो देश की पहली ऐसी मेट्रो परियोजना है, जहां पर उपरिगामी (एलिवेटेड) मेट्रो स्टेशनों के कॉनकोर्स (प्रथम तल) के आधार के निर्माण के लिए, डबल टी-गर्डर्स का उपयोग किया गया। इस नवोन्मेष की सहायता से प्राथमिक सेक्शन के सभी 09 मेट्रो स्टेशनों के कॉनकोर्स के आधार सिर्फ 07 महीने और 17 दिन के रिकॉर्ड समय में बनकर तैयार हो गए।
ट्विन पियर कैप
देश में पहली बार कानपुर मेट्रो परियोजना में ही ऑटोमैटिक कोच वॉश प्लान्ट को आधार देने के लिए पोर्टल के स्थान पर ट्विन पियर कैप का नवाचार किया गया, जिसकी मदद से सड़क पर वाहनों की सुचारू आवाजाही के लिए जगह की बचत हुई और मेट्रो के सिविल ढांचे की सुंदरता में भी इजाफा हुआ है।
थर्ड रेल में इन्वर्टर
भारत में पहली बार कानपुर मेट्रो के थर्ड रेल डीसी ट्रैक्शन सिस्टम के साथ होगा खास इन्वर्टर, जो ट्रेन में लगने वाले ब्रेक्स से पैदा होने वाली ऊर्जा को वापस सिस्टम में इस्तेमाल के योग्य बनाएगा। अभी तक देश में थर्ड रेल डीसी ट्रैक्शन सिस्टम के साथ परिचालित किसी भी मेट्रो रेल परियोजना में ऐसी व्यवस्था नहीं है।
आईएसओ प्रमाणित है कानपुर मेट्रो
कानपुर मेट्रो के प्राथमिक सेक्शन को पर्यावरण प्रबंधन के लिए आईएसओ 14001 एवं संरक्षा प्रबंधन के लिए आईएसओ 45001 प्रमाणपत्र मिल चुके हैं। लगभग 40 लाख आबादी वाले कानपुर शहर में दो मेट्रो कॉरिडोर्स प्रस्तावित हैं।
कॉरिडोर्स का विवरण
वर्तमान में कानपुर मेट्रो, अपने प्राथमिक सेक्शन (आईआईटी से मोतीझील) पर ट्रायल रन के लिए तैयार है। जिसकी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को बटन दबाकर शुरूआत कर दी है। ट्रायल रन पूरा होने पर जल्द ही यात्री सेवाएं शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके अलावा कॉरिडोर-I के अंतर्गत, आगे के सेक्शन पर भी निर्माण कार्य शुरू हो गए हैं और भूमिगत सेक्शन-I (चुन्नीगंज से नयागंज) पर मेट्रो स्टेशनों का निर्माण शुरू कर दिया गया है।
मेट्रो परियोजना की लागत
अनुमानित लागत: 11076.48 करोड़ रुपये
अनुमानित पूर्णता अवधि: 05 वर्ष