सिंगरौली और ग्वालियर में आतिशबाजी पर पूर्ण प्रतिबंध
भोपाल, 4 नवंबर (हि.स.) । मध्य प्रदेश में आज दीपोत्सव के दिन 52 जिलों में से सिर्फ दो जिलों- सिंगरौली और ग्वालियर में पटाखे चलाने की अनुमति नहीं दी गई है। जबकि राजधानी भोपाल, इंदौर समेत 21 जिलों में सिर्फ 2 घंटे आतिशबाजी की अनुमति दी गई है। यहां रात आठ से 10 बजे के बीच सिर्फ ग्रीन पटाखे फोड़े जा सकेंगे। वहीं 29 जिलों में पटाखे चलाने पर कोई रोक-टोक नहीं रहेगी। इस दौरान यदि कहीं आदेश का उल्लंघन हुआ तो धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आलोक में मध्य प्रदेश ग्रीन ट्रिब्युनल के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस संबंध में गाइड लाइन जारी की है। इसके तहत राजधानी भोपाल, इंदौर, कटनी, हरदा, धार, रतलाम, रायसेन, नीमच, उज्जैन, सागर, जबलपुर, होशंगाबाद, भिंड, मुरैना, श्योपुर, दमोह, अनूपपुर, देवास, बुरहानपुर, बड़वानी और आलीराजपुर समेत 21 जिलों में रात्रि आठ से 10 बजे तक सिर्फ दो घंटे ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी गई है।
दीपावली की रात ग्वालियर-सिंगरौली में पटाखे फोड़ने पर पाबंदी लगाने के पीछे का आधार एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) को बनाया गया है। पिछले साल ग्वालियर में एक्यूआई 248 और सिंगरौली 211 था, जो सांस लेने के लिए जोखिमपूर्ण कैटेगरी में था। इसलिए मप्र पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेश के आधार पर दीपावली पर पटाखों की परमिशन के लिए 2020 के नवंबर महीने की हवा के औसत स्तर को आधार बनाकर गाइडलाइन जारी की।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जनता से अपील की है कि पटाखा जलाने के बाद कागज के टुकड़े और अधजले पटाखों या उनके बारूद को कचरे अथवा प्राकृतिक जल स्रोतों के पास नहीं फेंकें। इसी के साथ अस्पताल, नर्सिंग होम, हेल्थ केयर सेंटर, स्कूल, धार्मिक स्थल के 100 मीटर के अंदर पटाखे नहीं चलाए जा सकेंगे।
इस संबंध में पटाखा एसोसिएशन के अध्यक्ष दौलतराम सबनानी ने बताया कि पटाखा बनाने वाली कंपनियों ने ही इस बार फॉर्मूले में बदलाव कर ग्रीन पटाखे भेजे हैं। इस कारण पहले की तुलना में इस बार पटाखे थोड़े महंगे हुए हैं। मुख्य पटाखा बाजारों में सुरक्षा और माल को उतारने को लेकर प्रशासन की गाइडलाइन का पालन कराने के लिए कहा गया था, जिसका सभी व्यापारियों ने पूरी तरह से पालन किया है।