नई दिल्ली, 03 नवम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कम टीकाकरण कवरेज वाले जिलों के अधिकारियों से सीधा संवाद करते हुए उन्हें घर-घर जाकर वैक्सीन लगाने का मंत्र दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों में भ्रम की स्थिति दूर करने के लिए वे धर्मगुरुओं की भी मदद लें।
इटली और ग्लासगो की अपनी यात्रा से लौटने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कम टीकाकरण कवरेज वाले जिलों के साथ समीक्षा बैठक की। प्रधानमंत्री ने इन जिलों को टीकाकरण बढ़ाने के लिए नवीन तरीके अपनाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने जिला अधिकारियों से कहा कि कोविड के टीके के बारे में जागरूकता फैलाने, अफवाहों से लड़ने के लिए आप स्थानीय धार्मिक नेताओं की मदद ले सकते हैं।
बैठक में पहली खुराक के 50 प्रतिशत से कम कवरेज और कोविड वैक्सीन की दूसरी खुराक की कम कवरेज वाले जिलों को शामिल किया गया था। प्रधानमंत्री ने झारखंड, मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय और कम टीकाकरण कवरेज वाले जिलों वाले अन्य राज्यों के 40 से अधिक जिलों के जिलाधिकारियों के साथ बातचीत की।
उन्होंने अफवाहों के परिणामस्वरूप वैक्सीन हिचकिचाहट, कठिन इलाके, हाल के महीनों में मौजूदा मौसम की स्थिति के कारण उत्पन्न चुनौतियों जैसे मुद्दों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इन चुनौतियों से निपटने के लिए अब तक उठाए गए कदमों का लेखा-जोखा भी पेश किया। डीएम ने उनके द्वारा अपनाई गई अच्छी प्रथाओं को भी साझा किया जिससे कवरेज में वृद्धि हुई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि टीकाकरण अभियान को लेकर धर्मगुरु बहुत उत्साहित हैं। मोदी ने अपनी हालिया विदेश यात्रा के दौरान वेटिकन में संत पापा फ्रांसिस के साथ मुलाकात को याद किया। उन्होंने टीकाकरण पर धर्मगुरुओं के संदेश को जनता तक पहुंचाने पर विशेष जोर देने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि लोगों को टीकाकरण केंद्र तक पहुंचाने और सुरक्षित टीकाकरण के स्थान पर अब घर-घर जाकर टीके लगाने की व्यवस्था करना होगी। उन्होंने पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए हर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से हर घर दस्तक देने का आग्रह किया कि वे हर घर टीका, घर-घर टीका जज्बे के साथ हर घर तक पहुंचें।
उन्होंने कहा कि 100 साल की इस सबसे बड़ी महामारी में देश ने अनेक चुनौतियों का सामना किया है। कोरोना से देश की लड़ाई में एक खास बात ये भी रही कि हमने नए-नए समाधान खोजे और इनोवेटिव तरीके आजमाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि आपको भी अपने जिलों में वैक्सीनेशन बढ़ाने के लिए नए इनोवेटिव तरीकों पर और ज्यादा काम करना होगा।
प्रधानमंत्री ने जिलाधिकारियों से कहा कि अपने जिलों में एक-एक गांव, एक-एक कस्बे के लिए अगर अलग-अलग रणनीति बनानी हो तो वो भी बनाइए। उन्होंने कहा कि आप क्षेत्र के हिसाब से 20-25 लोगों की टीम बनाकर भी ऐसा कर सकते हैं। जो टीमें आपने बनाई हों, उनमें एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हो, इसका भी प्रयास कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि एक चुनौती अफवाह और लोगों में भ्रम की स्थिति भी है। अभी बातचीत के दौरान भी इसका जिक्र किया गया है। इसका एक बड़ा समाधान है कि लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाए। आप इसमें स्थानीय धर्मगुरुओं की भी मदद और ज्यादा ले सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने अपनी हालिया यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि अभी कुछ दिन पहले मेरी वेटिकन में पोप फ्रांसिस जी से भी मुलाकात हुई थी। वैक्सीन पर धर्मगुरुओं के संदेश को भी हमें जनता तक पहुंचाने पर विशेष जोर देना होगा।
उन्होंने कहा कि अभी तक आप सभी ने लोगों को वैक्सीनेशन सेंटर तक पहुंचाने और वहां सुरक्षित टीकाकरण के लिए प्रबंध किए। अब हर घर टीका, घर-घर टीका, इस जज्बे के साथ आपको हर घर पहुंचना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हर घर पर दस्तक देते समय, पहली डोज के साथ-साथ आप सभी को दूसरी डोज पर भी उतना ही ध्यान देना होगा। क्योंकि जब भी संक्रमण के केस कम होने लगते हैं, तो कई बार तात्कालिकता वाली भावना कम हो जाती है। लोगों को लगने लगता है कि इतनी भी क्या जल्दी है, लगा लेंगे।
उन्होंने कहा कि सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन अभियान के तहत हम एक दिन में करीब-करीब ढाई करोड़ वैक्सीन डोज लगाकर दिखा चुके हैं। ये दिखाता है कि हमारी कैपेबिलिटी क्या है, हमारा सामर्थ्य क्या है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन अभियान के तहत हम एक दिन में करीब 2.5 करोड़ वैक्सीन डोज लगाकर दिखा चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि भारत की क्षमता का प्रमाण है।
इस बैठक में कोविड के टीकों की पहली खुराक के 50 प्रतिशत से कम कवरेज और दूसरी खुराक के कम कवरेज वाले जिले शामिल रहे। इस मौके पर इन राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे।