केंद्रीय वित्त मंत्री ने त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों को दी 1,300 करोड़ रुपये की सौगात

केंद्र सरकार एक सप्ताह से 10 दिनों के भीतर परियोजना को मंजूरी देगी

अगरतला, 27 अगस्त (हि.स.)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आदिवासियों के लिए सौगात लेकर त्रिपुरा पहुंची हैं। उन्होंने त्रिपुरा में आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए 1,300 करोड़ रुपये की परियोजना की घोषणा की। उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार एक सप्ताह से 10 दिनों के भीतर परियोजना को मंजूरी देगी।


साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग के विस्तार और अगरतला स्मार्ट सिटी के लिए 21 करोड़ रुपये की दो परियोजनाओं को भी मंजूरी दी। उनके मुताबिक, त्रिपुरा तेजी से विकास की राह पर चल रहा है। इसीलिए केंद्र सरकार लोगों को सभी सुविधाएं देने के लिए त्रिपुरा सरकार की हर संभव सहायता करेगी।

शुक्रवार को मोहनपुर में केंद्रीय वित्त मंत्री ने 80 हजार परिवारों के लिए पेयजल और 132 केवी सब स्टेशन सहित कुल 12 परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उद्घाटन के अवसर पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने विकास में तेजी लाने के लिए त्रिपुरा सरकार की सराहना की।

उनके अनुसार, त्रिपुरा में 30 वर्षों में जो विकास होना था, वह पिछले तीन वर्षों में बिप्लब कुमार देव के नेतृत्व में त्रिपुरा सरकार द्वारा संभव किया गया है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उद्देश्यों को पूरा कर रहा है। इसलिए आज एक साथ 12 परियोजनाओं का उद्घाटन करना संभव हुआ है।

उन्होंने दावा किया कि आम लोगों को सभी तरह का लाभ देने के प्रयास में कोई कमी नहीं होगी। ऐसे में दिल्ली में जो लाभ मिलेगा, वह लाभ त्रिपुरा के सुदूर इलाकों में भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा के विकास के लिए आज 21 करोड़ रुपये की दो परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि 14.15 करोड़ रुपये की लागत से राष्ट्रीय राजमार्ग को चौड़ा करने और 7.4 करोड़ रुपये की लागत से अगरतला स्मार्ट सिटी को और अधिक आकर्षक बनाने की स्वीकृति दी गई है।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार एक सप्ताह से 10 दिनों के भीतर त्रिपुरा में आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए 1,300 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी देगी। उन्होंने कहा कि आदिवासी इलाकों में स्कूल तो हैं, लेकिन वहां जाने के लिए सड़कें नहीं हैं। इसके चलते लोग विकास की रोशनी से वंचित हो रहे हैं। उनके मुताबिक त्रिपुरा में अभी तक सब के घर तक सड़क नहीं पहुंची है। इसलिए आदिवासियों की पीड़ा की कोई सीमा नहीं है।

उन्होंने कहा, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति त्रिपुरा में कुल आबादी का आधा हिस्सा हैं। इसलिए, उन्हें अपनी आजीविका के लिए विभिन्न लाभ प्रदान करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में लोगों के सामूहिक विकास के लिए 1,300 करोड़ रुपये की विशेष परियोजनाएं स्वीकृत की जाएंगी। उन्होंने दावा किया कि इस परियोजना को विश्व बैंक के सहयोग से मंजूरी दी जाएगी।

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