अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध जारी, 31 जुलाई तक बढ़ा बैन

नई दिल्ली, 30 जून (हि.स.)। केंद्र सरकार ने व्यावसायिक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर लगे प्रतिबंध को और 1 महीने के लिए बढ़ा दिया है। अब ये प्रतिबंध 31 जुलाई तक जारी रहेगा। इसके पहले के आदेश के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर 30 जून तक के लिए प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन आज नागरिक उड्डयन महानिदेशक (डीजीसीए) की ओर से एक सर्कुलर जारी करके अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर लगाई गई पाबंदी को 31 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया गया। 
आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण की शुरुआत होने के बाद मार्च 2020 में लगाए गए लॉकडाउन के समय से ही व्यावसायिक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगा हुआ है। हालांकि इस दौरान एयर बबल समझौते के तहत एयर इंडिया की कुछ फ्लाइट्स को कुछ देशों में आने जाने की अनुमति दी गई है, ताकि वहां फंसे भारतीयों को भारत लाया जा सके या दूसरे देश के नागरिकों को वापस उनके देश भेजा जा सके। इसके तहत कुछ देशों से वंदे भारत मिशन और स्पेशल फ्लाइट का संचालन किया जा रहा है, लेकिन सामान्य अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है। 
कोरोना के पैर पसारने के कारण मार्च 2020 में लॉकडाउन लगाने के साथ ही घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगा दी गई थी। बाद में कुछ शर्तों के साथ 25 मई 2020 से घरेलू उड़ानों की शुरुआत कर दी गई, लेकिन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध अभी भी जारी है। घरेलू विमान सेवा को 25 मई 2020 से कम क्षमता के साथ उड़ान भरने की अनुमति दी गई थी। इसके साथ ही हवाई किराए पर न्यूनतम और अधिकतम सीमा भी तय कर दी गई थी ताकि मुसाफिरों से मनमाने ढंग से पैसे की वसूली ना की जा सके। शुरुआत में फ्लाइट को कुल 33 फीसदी क्षमता के साथ संचालित करने की अनुमति दी गई थी। बाद में धीरे-धीरे इस क्षमता में बढ़ोतरी की गई और 3 दिसंबर 2020 को फ्लाइट कैपेसिटी 80 फीसदी कर दी गई। 
सिविल एविएशन सेक्टर से जुड़े लोगों का कहना है कि हवाई यात्रा पर लागू प्रतिबंधों और मुसाफिरों की संख्या सीमित कर दिए जाने की वजह से विमानन कंपनियों को 50 से 60 करोड़ रुपये तक का नुकसान उठाना पड़ रहा है ऐसे में एविएशन सेक्टर की ओर से कई बार नागरिक उड्डयन महानिदेशक से पूर्ण क्षमता के साथ हवाई सेवा का संचालन करने की अनुमति देने की मांग की जा चुकी है, ताकि विमानन कंपनियों को हो रहे नुकसान को कम किया जा सके। 

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