टीम को ज्यादा से ज्यादा स्ट्राइक रोटेट करने की जरूरत : मिताली राज

ब्रिस्टल,28 जून (हि.स.)। इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की श्रृंखला के पहले एकदिवसीय मैच में 8 विकेट से मिली करारी शिकस्त के बाद भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज ने कहा कि उनकी टीम को ज्यादा से ज्यादा स्ट्राइक रोटेट करने की जरूरत है ताकि डॉट गेंदों की संख्या कम हो।

इस मुकाबले में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए मिताली के 72 रनों की बदौलत 8 विकेट पर 201 रन बनाए। भारतीय टीम ने इस दौरान  181 डॉट गेंदें खेलीं। जवाब में इंग्लैंड ने टैमी ब्यूमोंट (नाबाद 87)  और नताली स्किवर (नाबाद 74) के अर्धशतकों की बदौलत 34.5 ओवरों में लक्ष्य हासिल कर लिया।  

मैच के बाद मिताली ने कहा, “स्पष्ट रूप से, हमें उस पहलू पर गौर करने और स्ट्राइक रोटेट करने पर काम करने की आवश्यकता है। इसके अलावा शीर्ष पांच में कम से कम एक शीर्ष क्रम के बल्लेबाज को तेजी से रन बनाने की आवश्यकता है। हमें यह भी समझने की जरूरत है कि इंग्लैंड के गेंदबाज काफी अनुभवी हैं, खासकर हमारे तेज गेंदबाजों से ज्यादा उनके तेज गेंदबाजों के पास अनुभव है। वे अपनी परिस्थितियों में गेंदबाजी कर रहे हैं, वे जानते हैं कि उनकी परिस्थितियों में कैसे गेंदबाजी करनी है, और उन्होंने वास्तव में अच्छी गेंदबाजी की है, हमें निश्चित रूप से स्ट्राइक को रोटेट करने पर ध्यान देना होगा।”

यह पूछे जाने पर कि क्या दूसरे एकदिवसीय मैच में बदलाव होंगे, मिताली ने कहा, “हम निश्चित रूप से टीम की संरचना पर गौर करेंगे, बल्लेबाजी क्रम में थोड़ा और फेरबदल होगा, यह देखने के लिए कि क्या हम उन चीजों में सुधार कर सकते हैं जो हमने पहले एकदिवसीय में नहीं किया।”

मिताली ने यह भी बताया कि कैसे चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने से उन्हें युवा प्रतिभाओं को तैयार करने और नए खिलाड़ियों को अधिक अवसर देने का मौका मिल रहा है।

उन्होंने कहा,”मुझे लगता है कि मैंने अपने अधिकांश रन नंबर तीन पर बनाए हैं, लेकिन बल्लेबाजों का टीम में होना भी महत्वपूर्ण है। हम वास्तव में ऑलराउंडरों के साथ बल्लेबाजी लाइन-अप को नहीं भर सकते हैं। हमें ऐसे बल्लेबाजों की जरूरत है जो रन बना सकें। अगर मैं चौथे नंबर पर जाती हूं, तो मैं टीम के लिए भी मौका दे रही हूं क्योंकि मैं इस तथ्य को जानती हूं कि मैं हमेशा के लिए नहीं खेलूंगी। मुझे खिलाड़ियों को एक तरह से तैयार करने की भी जरूरत है। जब भी मैं युवा खिलाड़ियों के आसपास होती हूं, बीच-बीच में उनका मार्गदर्शन करती रहती हूं।”

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