कोलकाता, 23 जून (हि. स.)। कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत से पहले पूरे देश में टीकाकरण का अभियान में तेजी आई है लेकिन बंगाल में सुस्ती बरकरार है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया है कि बंगाल में वैक्सीन की कमी की वजह से टीकाकरण अभियान में सुस्ती है। बंगाल सरकार टीकों की कमी के चलते 18 से 45 साल की आयु के लोगों को निशुल्क टीका लगाने के उद्देश्य से अपना सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम 21 जून से शुरू नहीं कर पाई है।
स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य ”सुपरस्प्रेडर” यानि अधिक संक्रमण फैलने का कारण बने समूहों के रूप में चिन्हित लोगों को प्राथमिकता देना जारी रखेगा और आपूर्ति के आधार पर दैनिक टीकाकरण की संख्या में वृद्धि करेगा। अधिकारी ने कहा कि हम टीकों की किल्लत के चलते 21 जून से सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम शुरू नहीं कर पाए। मौजूदा टीकाकरण प्रक्रिया चलती रहेगी। हमारा पहला लक्ष्य प्राथमिकता समूहों को कवर करना है।उन्होंने कहा कि बंगाल सरकार ने बस कंडक्टरों, ड्राइवरों, हॉकरों और सब्जी विक्रेताओं को ”सुपरस्प्रेडर” के रूप में चिन्हित किया है। इन्हें, इनके परिवार के सदस्यों और करीबी रिश्तेदारों को टीके लगाने पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।
अधिकारी ने कहा कि हम आपूर्ति की समीक्षा कर भविष्य की कार्रवाई के बारे में फैसला करेंगे। फिलहाल, हम प्रतिदिन करीब तीन लाख लोगों को टीके लगा सकते हैं। हमारी क्षमता रोजाना पांच लाख टीके लगाने की है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने सोमवार (21 जून) को 18-45 आयु वर्ग के लिए राज्यों को टीकों की मुफ्त आपूर्ति करने के लिए सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत की। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार रविवार तक बंगाल में लगभग 1.9 करोड़ लोगों को कोरोना टीके की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है। इनमें से 42,74,276 लाभार्थियों को दोनों खुराकें मिल चुकी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को दावा किया था कि राज्य में अब तक दो करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है।
2021-06-23