-तीन मुख्य व चार सह आरोपित समेत 7 गिरफ्तार
-दुष्कर्म के बाद हत्या कर शव को पेड़ पर लटकाया
कोकराझार (असम), 15 जून (हि.स.)। कोकराझार जिला के अभयाखुटी गांव में गत 11 जून को 14 और 16 वर्ष उम्र की दो जनजाति किशोरियों का शव आम के पेड़ से लटकता हुआ मिला था। प्रारंभिक जांच में इसे खुदकुशी करार दिया गया था। हालांकि, शुरू से ही खुदकुशी वाले एंगल को लेकर रहस्य सामने आया था क्योंकि दोनों किशोरियों के परिजन व स्थानीय लोगों ने बलात्कार के बाद हत्या कर शव को पेड़ पर लटकाने की बात कही थी।
घटना की जानकारी मिलते ही वारदात के तीसरे दिन स्वयं मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा पीड़ित परिजनों से मिलकर सरकार और पुलिस की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर इस मामले में कोई दोषी पाया जाएगा तो उसके विरूद् कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मामले की जांच कोकराझार पुलिस ने शुरू किया। बाद में इस जांच में सीआईडी व फॉरेंसिंक की टीम भी जुट गयी। इस बीच पुलिस ने 13 जून को पांच व 14 जून को दो आरपितों को गिरफ्तार कर पूछताछ आरंभ की।
मंगलवार की शाम को राज्य के पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत, विशेष एडीजीपी और बीटीएडी के आईजीपी एलआर बिश्नोई, कोकराझार पुलिस अधीक्षक ने कोकराझार पुलिस अधीक्षक के सभा गृह में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान किशोरियों की हत्या के संबंध में पूरी कहानी पर प्रकाश डाला।
पुलिस ने कहा कि बलात्कार के बाद हत्या मामले की गुत्थी को सुलझाते हुए सात आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। जिसमें से तीन मुख्य आरोपियों हैं जो इस घटना में पूरी तरह से शामिल थे। जबकि चार सह आरोपित हैं। मंगलवार को इस मामले में पुलिस सभी पक्षों की जांच करते हुए साक्षी के साथ मजिस्ट्रेड की उपस्थिति में घटना स्थल पर सीन को रिक्रेएट किया। जिसकी विडियो रिकॉडिंग भी की गयी।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि आरोपितों के डीएनए और फिंगर प्रिंट को फॉरेंसिक जांच के लिए लैब में भेजा गया है। जिसका परिणाम आने पर शव के डीएनए और फिंगर प्रिंट के मिलाया जाएगा। आरोपितों ने अपने मोबाइल से सभी डाटा मिटा दिया है। जिसमें से पांच मोबाइल फोन का डाटा प्राप्त करने कि प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके अलावा दो और मोबाइल फोन मिला है उसकी भी जांच की जाएगी।
उन्होंने बताया कि जांच के दौरान आरोपितों के पास से सात मोबाइल फोन, एक हिरो ग्लैमर बाइक, चार प्लास्टिक बैग जो ग्राउंड सीट की तरह इस्तेमाल किया गया था, को बरामद किया गया है। उन्होंने बताया कि घटना 11 जून की शाम पांच बजे की है। पुलिस ने दावा किया इस घटना की गुत्थी सोमवार की शाम को ही सुलझ गयी थी। हालांकि, सबूत और तथ्यों को एकत्र करने के लिए इसका खुलासा मंगलवार को किया गया।
राज्य के शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा कि शिशु और महिलों पर अत्याचार को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस तरह की घटना के लिये अलग सेल बनाया गया है। इस मामले की जांच के बाद दर्ज प्राथमिकी की धाराओं में भी बदलाव किया गया है। इस मामले में पुलिस ने 376, 376ए, 376डी, 376डी 2 गैंग रेप, 376 डी ए, 6, पॉक्सो एक्ट 2012, 3, 1 डब्लूएफएस, एसटी एक्ट, 3, 5 धाराओं को प्राथमिकी में जोड़ा है।
पुलिस अधिकारी बिश्नोई ने बताया कि तीन मुख्य आरोपितों ने जब दोनों किशोरियों के साथ बलात्कार किया तो वे दोनों घबड़ा कर कहा कि इस बारे में वे अपने परिजनों और गांव वालों को बताएंगी। इसके बाद मुख्य आरोपितों ने घटना स्थल पर ही निर्णय लेते हुये दोनों की हत्या कर दी। जिसके बाद सातों आरोपित मिलकर दोनों नाबालिक किशोरियों के शवों को आम के पेड़ पर लटाकर खुदकुशी का रूप दे दिया।
आरोपितों की पहचान धुबरी निवासी हनिफ शेख (20), कोकराझार निवासी जहानुर इस्लाम (23), शंकरदेव बर्मन (27), मु. आफताफ अली (26), मोजामिल शेख (20) व सालबारी गांव निवासी नसिबुल अली शेख (19) और फोरीजुल रहमान (22) के रूप में की गयी है।