यरूशलम, 15 जून (हि. स.)। इजराइल में 12 साल तक सत्ता में रहने वाले बेंजामिन नेतन्याहू की विदाई से सबसे ज्यादा खुशी फिलीस्तीन के लोगों में दिखाई दी है। इसकी तस्दीक खुद वहां के प्रधानमंत्री मोहम्मद शतयेह ने की। उन्होंने कहा कि इजराइल फिलिस्तीन संघर्ष का सबसे बुरे दौर का अंत हुआ।
ज्ञात रहे कि नेतन्याहू की सरकार में अल्पमत में आने और विपक्षी दलों की एकजुटता के कारण उनको अपना पद गंवाना पड़ा। रविवार को, इजराइल की संसद ने दक्षिणपंथी यहूदी राष्ट्रवादी नफ्ताली बेनेट के नेतृत्व वाली एक नई सरकार के पक्ष में मतदान किया।
इजराइल की संसद ने दक्षिणपंथी यहूदी राष्ट्रवादी नफ्ताली बेनेट के नेतृत्व वाली एक नई सरकार के पक्ष में मतदान करने के साथ ही सत्ता परिवर्तन हो गया। उनके गठबंधन में दक्षिणपंथी, सेंटर ग्राउंड और वामपंथी दलों के साथ-साथ यहूदी राज्य की इस्लामी रूढ़िवादी पार्टी भी शामिल है।
प्रधानमंत्री शतयेह ने यह भी कहा कि उन्हें नई सरकार या फिलिस्तीनियों के साथ शांति समझौते को आगे बढ़ाने की संभावना के बारे में कोई भ्रम नहीं है। उन्होंने कहा कि हम इस नई सरकार को पिछली सरकार की तुलना में किसी भी स्थिति में कम खराब नहीं आंकते हैं। हम इजराइली बस्तियों के समर्थन में नए प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट की घोषणाओं की निंदा करते हैं।
शतयेह ने कहा कि अगर इजराइल की नई सरकार फिलिस्तीनी के लोगों के भविष्य और उनके वैध अधिकारों को ध्यान में नहीं रखती है तो उनका कोई भविष्य नहीं है।