दुनिया के मुकाबले देश में 3% से भी कम वाहन लेकिन दुर्घटनाएं 11% के करीब
– सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए जागरूक करेगा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
नई दिल्ली, 11 जून (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं के बारे में चिंता जताई है। हर व्यक्ति सड़क पर यह मानकर चलता है कि दुर्घटना तो दूसरों के लिए बनी है, इसलिए वह उतनी सावधानी नहीं रखता, जितनी रखनी चाहिए। रक्षा मंत्री ने आश्चर्य जताया कि हमारे देश में दुनिया के मुकाबले 3% से भी कम वाहन हैं लेकिन दुर्घटनाएं 11% के करीब होती हैं। हर साल लगभग साढ़े चार-पांच लाख दुर्घटनाएं और डेढ़ लाख मौतें होना किसी सर्वव्यापी महामारी से कम नहीं हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को ’सड़कों, पुलों, हवाई क्षेत्रों और सुरंगों के लिए उत्कृष्टता केंद्र’ एवं ‘सड़क सुरक्षा और जागरुकता के लिए उत्कृष्टता केंद्र’ का नई दिल्ली स्थित सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) मुख्यालय में उद्घाटन किया। इसके बाद सीमा सड़क संगठन के ‘कर्मयोगियों’ को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि अपनी स्थापना के समय से ही बीआरओ दूरदराज के इलाकों में सड़कों, सुरंगों और अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण करके राष्ट्र की प्रगति में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर रहा है। आज बीआरओ की तकनीकी प्रगति में नए अध्याय जोड़ते हुए चार सॉफ्टवेयर की शुरुआत हो रही है।
उन्होंने कहा कि ’सड़क सुरक्षा और जागरुकता’ और ‘सड़क, पुल, हवाई क्षेत्र और सुरंग’ से संबंधित देश के पहले दो-दो सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन हो रहा है। यह दोनों ही सेंटर अपने उद्देश्यों में एक दूसरे के पूरक हैं। आज लांच हो रहे चारों सॉफ़्टवेयर संगठन के कामों में दक्षता लाएंगे और समय भी बचाएंगे। इनका निर्माण ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘डिजिटल इंडिया’ अभियान की भी सफलता का प्रतीक है। उन्होंने उम्मीद जताई कि रोड सेफ्टी एंड अवेयरनेस पर आधारित यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस हमेशा नए-नए तरीकों से लोगों को रोड सेफ्टी के प्रति जागरूक करेगा, उनकी सुरक्षा करेगा।
रक्षा मंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सरकार ने ’राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति’ को मंजूरी देने, ‘मोटर व्हीकल एक्ट 2020’ लाने, राष्ट्रीय राजमार्गों पर दुर्घटना बहुल क्षेत्रों की पहचान करने जैसे कदम उठाए हैं, जिसमें भी यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात लोगों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरुकता लाने की है जिसके प्रति बीआरओ लंबे समय से लोगों को जागरूक कर रहा है। बीआरओ की सड़कें जहां भी बनी हैं, वह खुद अपने आप में आकर्षक हैं। उन्होंने सीमा सड़क संगठन के ‘कर्मयोगियों’ को भरोसा दिलाया कि सरकार आपके साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए तैयार है। वह चाहे नीतिगत समर्थन हो या फिर धन आवंटन का मुद्दा, सरकार बीआरओ के लिए हमेशा यथा-संभव हर कदम उठाती रहेगी।
उन्होंने कहा कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) राहें भी बनाता है और उन पर चलना भी सिखाता है। पिछले पांच-सात वर्षों के दौरान बीआरओ के बजट में 3 से 4 गुना की बढ़ोतरी की गई है, जिससे इस दौरान बीआरओ ने कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। इसके अलावा इंजीनियर और अन्य कर्मियों के लिए विशेष ऊंचाई पर पहनने वाले कपड़ों के 3270 सेट मंजूर किये गए हैं। यह इसलिए किया गया है क्योंकि बीआरओ के कर्मी देश के महत्वपूर्ण हिस्सों को एक-दूसरे से जोड़ने के लिए भीषण सर्दी, गर्मी, बरसात, बर्फबारी जैसी कठिनाइयों के बीच बिना थके और थमे लगातार काम करते चले आ रहे हैं। इस अवसर पर उन्होंने उन सभी कर्मयोगियों को श्रद्धांजलि भी दी, जिन्होंने देश की सेवा में कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अपना समस्त दांव पर लगा दिया।