टोक्यो, 09 जून (हि.स.)। ओलंपिक खेलों के लिए जापान में प्रवेश करने के बाद विदेशी मीडिया कर्मियों पर जीपीएस के जरिये कड़ी निगरानी रखी जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनका जनता से कोई संपर्क नहीं है। टोक्यो ओलंपिक प्रमुख सेको हाशिमोतो ने उक्त जानकारी दी।
हाशिमोतो ने कार्यकारी बोर्ड की बैठक में कहा कि जापान अभी भी बहुत कठिन स्थिति में है और यह सुनिश्चित करने के लिए कि विदेशी मीडिया के लोग उन स्थानों के अलावा अन्य स्थानों पर न जाएं जहां वे जाने के लिए पंजीकृत हैं, हम उनपर नजर रखने के लिए जीपीएस का उपयोग करेंगे।”
विदेश से आने वाले मीडियाकर्मियों को खेलों के दौरान पूर्व-निर्धारित गंतव्यों को प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है और जीपीएस के उपयोग के साथ, आयोजकों द्वारा उन्हें ट्रैक किया जा सकता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आगमन के बाद पहले 14 दिनों के दौरान वे क्वारन्टीन में हैं।
टोक्यो 2020 के सीईओ तोशीरो मुतो ने कार्यकारी बोर्ड की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, “यदि कोई उल्लंघन पाया जाता है, तो निलंबन या मान्यता से वंचित या निर्वासन की कार्यवाही जैसे उपाय लागू किए जाएंगे।14 दिनों के बाद, वे सामान्य मीडिया कवरेज में संलग्न हो सकते हैं। “
मुतो ने विदेशी पत्रकारों से किराए के आवास या दोस्तों के घरों के बजाय लगभग 150 नामित होटलों में से एक में रहने का आग्रह किया।
मुतो ने कहा कि ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों के लिए 70,000 वालंटियर्स का टीकाकरण किया जाएगा और आयोजक खेलों के लिए काम कर रहे सभी लोगों के लिए टीकाकरण अभियान का विस्तार करने पर भी विचार कर रहे हैं।
उन्होंने दोहराया कि भारत, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश के प्रतिनिधिमंडल के प्रत्येक सदस्य को जापान में प्रवेश करने से पहले टीका लगवाना होगा। मुतो ने इन खबरों का भी खंडन किया कि इन पांच देशों के प्रतिनिधिमंडलों के खेलों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
उन्होंने कहा, “यह पूरी तरह से निराधार है। हमने इसके बारे में कभी नहीं सुना। हम उस संभावना पर विचार भी नहीं कर सकते।”