बेंगलुरु, 09 जून (हि.स.)। एफसी बेंगलुरु यूनाइटेड के मिडफील्डर अरुण कुमार, जिन्होंने बैंगलोर सुपर डिवीजन सर्किट में अपने बेहतर खेल कौशल से सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है,राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार हैं।
अरुण 2019 में एफसी बेंगलुरु यूनाइटेड में शामिल हुए और उसी सीजन में बीडीएफए सुपर डिवीजन लीग के सर्वश्रेष्ठ मिडफील्डर के रूप में नामित किये गए। अरुण 2020-21 सीज़न में क्लब के चैंपियनशिप जीतने वाले अभियान का भी हिस्सा था, जिसके बारे में उनका कहना है कि यह एक “शानदार एहसास” था।
उन्होंने कहा, “पिछले साल हम बहुत करीब आ गए थे; हमने अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन भाग्य ने साथ नहीं दिया। लेकिन हमने इस सीजन में मजबूत वापसी की और खिताब जीता।”
अरुण ने अपने अल्मा मेटर कैथेड्रल हाई स्कूल के लिए 100 मीटर स्प्रिंटर के रूप में अपनी खेल यात्रा शुरू की। ट्रैक पर उनकी गति ने स्कूल के फुटबॉल कोच को प्रभावित किया जिन्होंने उन्हें स्कूल फुटबॉल टीम में जगह देने की पेशकश की।
21 वर्षीय अरुण ने कहा, “और इस तरह फुटबॉल में मेरा करियर शुरू हुआ।”
उन्होंने कहा, “मैं हमेशा एक उत्साही फुटबॉल प्रशंसक था, इसलिए मुझे एथलेटिक्स से फुटबॉल में जाने में खुशी हुई। कोच ने कहा कि मुझे अच्छी गति मिली है, मुझे केवल कौशल सीखने की जरूरत है। इसलिए, मैंने फुटबॉल खेलना शुरू किया।”
अरुण को एफसी बेंगलुरु यूनाइटेड के साथ दो साल से थोड़ा अधिक समय हो गया है, और वह इसे “शानदार अनुभव” के रूप में वर्णित करते हैं।
उन्होंने कहा, “कोच और प्रबंधन बहुत सहायक हैं। मुझे लगता है कि हम अच्छी तरह से सुसज्जित हैं और यह वास्तव में हमें खिलाड़ियों के रूप में विकसित होने में मदद कर रहा है।”
अरुण का कहना है कि टीम वर्तमान में दूसरे डिवीजन पर ध्यान देने के साथ लॉकडाउन के दौरान अपनी फिटनेस को बनाए रखने पर काम कर रही है।
उन्होंने कहा,”हमारे स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच चेल्स्टन पिंटो ने हमें घर पर प्रदर्शन करने के लिए कुछ अभ्यास दिए हैं, जिससे हमें अपनी फिटनेस बनाए रखने में मदद मिल रही है।”
अरुण का कहना है कि एफसी बेंगलुरु यूनाइटेड में हेड कोच रिचर्ड हुड के साथ काम करने से उन्हें काफी फायदा हुआ है।
उन्होंने कहा,”मेरे अंडर-16 दिनों से, मैं कोच रिचर्ड का अनुसरण कर रहा हूं। मैंने हमेशा उनकी और उनकी कोचिंग की शैली की प्रशंसा की है। मुझे वास्तव में पसंद है कि वह अपने खिलाड़ियों को कैसे प्रेरित करते हैं। वह सुनिश्चित करते हैं कि उनके खिलाड़ी मैदान में आसानी से हार न मानें। वह हमेशा उत्साहित रहते है और अपने खिलाड़ियों को उन 90 मिनटों के दौरान अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित करते हैं।”