इस्लामाबाद, 03 जून (हि.स.)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एकबार फिर कश्मीर का राग अलापते हुए कहा है कि पाकिस्तान और भारत के बीच जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा बहाल किए बिना बातचीत नहीं संभव है।
पाक प्रधानमंत्री इमरान खान इस्लामाबाद में ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता कहा कि क्षेत्र की पूरी क्षमता तभी हासिल की जा सकती है जब अफगानिस्तान में स्थिति शांत हो और पाकिस्तान-भारत के बीच बेहतर संबंध हों।
यूएई और सऊदी अरब की मध्यस्थता के बाद भारत और पाकिस्तान फरवरी में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर 2009 के युद्धविराम के लिए राजी हो गए हैं। हालांकि, सामान्य व्यापार संबंधों को फिर शुरू करने के लिए इमरान खान की सरकार द्वारा शुरू किए गए प्रयास, उनकी सरकार के इस कदम के विरोध के कारण विफल हो गए।
इमरान ने कहा कि दुर्भाग्य से 5 अगस्त, 2019 को कश्मीर पर उनके (भारत के) एकतरफा फैसले के बाद से और अंतरराष्ट्रीय कानूनों व संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के उल्लंघन के कारण हमारे लिए व्यापार को सामान्य करना बहुत मुश्किल है। क्योंकि यह कश्मीरी लोगों के बलिदान के साथ विश्वासघात होगा। उन्होंने कहा, “इसलिए जबतक भारत अपने उस फैसले को पलटता नहीं है, तबतक हमारे संबंध नहीं सुधर सकते।
इससे पहले भी इमरान खान ने कहा था कि पाकिस्तान भारत के साथ संबंधों को तबतक सामान्य नहीं कर सकता जबतक कि वह जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा फिर से बहाल करने व दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के अपने 2019 के फैसले को उलट नहीं देता। भारत ने पाकिस्तान की मांगों को उसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बताते हुए खारिज कर दिया है।