सेना में लेफ्टिनेंट बनकर ​नितिका कौल​​ ने ​पति की शहादत को दिया सम्मान

 ​पुलवामा आतंकी हमले ​​में शहीद ​हुए थे मेजर ​​विभूति शंकर​ ​​ढौंडियाल 
– ​लेफ्टिनेंट​ ​निकिता कौल​ ​की वर्दी पर लगाए गए चमचमाते हुए सितारे ​​​
​​​नई दिल्ली, 2​9​ मई (हि.स​​.)​​​​​​​​​​।​ ​​जम्मू-कश्मीर के ​​पुलवामा आतंकी हमले में शहीद ​हुए ​​​सेना के मेजर ​​​​विभूति शंकर ढौंडियाल​ ​​की पत्नी ​​निकिता कौल ने ​शनिवार को ​भारतीय सेना में शामिल होकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी​​। ​नितिका​ ने आज ​पहली बार भारतीय सेना की वर्दी पहनी​​​​।​​​​ ​​​सेना की उत्तरी कमान​ के ​कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने उनकी वर्दी पर अपने हाथों से चमचमाते हुए सितारे लगाए​​​।​​ उन्होंने मेजर पति की शहादत पर मातम मनाने के बजाए देश सेवा का रास्ता​ चुना और ​आज मुल्क के लाखों फौजियों​ की पत्नियों के लिए प्रेरणा बन गईं​।​​ ​​​
पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर ​14 फरवरी​,​ 2019​ को हुए ​आतंकवादी हमले के दौरान 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद ही पुलवामा के पिंगलान गांव में आतंकियों को ढेर करने के लिए सेना ने ऑपरेशन चलाया था​​​। पिंगलान में हुए इस एनकाउंटर में ​18 फरवरी​,​ 2019 को ​चार सैनिक शहीद हुए थे​ जिनमें कश्मीर में 55 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात ​​मेजर रैंक के ऑफिसर विभूति​ शंकर ढौंडियाल भी शामिल थे​​​​​​।​​ ​राष्ट्र के लिए बलिदान ​देने ​पर उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था​​।​ उस समय मेजर ढौंडियाल और नितिका की शादी को 10 माह ही हुए थे​​। ​शादी की पहली सालगिरह भी न मना पाने वाली नितिका कौल ने अपने पति को एक बहादुर सैनिक बताते हुए कहा था कि उन्‍हें इस बात का पूरा भरोसा है कि उनके पति की शहादत और ज्‍यादा लोगों को सेनाओं में जाने के लिए प्रेरित करेगी​​​​​​​​।

मेजर ढौंडियाल का शव जब उनके गृहनगर पहुंचा था तो पत्नी नितिका ने गर्व के साथ अपने पति को सैल्‍यूट किया​। नितिका ने उस समय कहा था कि आपने मुझसे झूठ कहा था कि आप मुझसे प्‍यार करते हो​। आप मुझसे नहीं बल्कि अपने देश से ज्‍यादा प्‍यार करते थे और मुझे इस बात पर गर्व है​। शादी के नौ माह बाद ही महज 27 साल की उम्र में ही वीर नारी बनीं नितिका ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा था कि वह कोई बेचारी नहीं हैं बल्कि एक बहादुर शहीद की पत्‍नी हैं और उन्‍हें अपने पति की शहादत पर गर्व है​। नितिका ने अपने बहादुर पति को नम आंखों से ‘जय हिंद’ बोलकर अंतिम विदाई दी थी। उस वक़्त अपने पति की अर्थी को सैल्यूट करते एक तस्वीर भी वायरल गुई थी। निकिता आज मुल्क के लाखों फौजियों, फौज के अफसरों और उनके खानदान की महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गईं हैं। 

नितिका ने ​​अपने पति की ​शहादत के छह महीने बाद ​​​शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) परीक्षा और सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी) के साक्षात्कार को अनुमति दे दी​​।​ 30 साल की नितिका ने पिछले वर्ष शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) की परीक्षा पास कर ली थी। इसके बाद उन्हें प्रशिक्षण के लिए चेन्नई में अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) में नियुक्त किया गया।​ लेफ्टिनेंट निकिता कौल ने सैन्य प्रशिक्षण पूरा करने के बाद आज भारतीय सेना में शामिल होकर अपने पति को सही मायने में भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। यह वास्तव में उनके लिए गर्व का क्षण था क्योंकि ​सेना की उत्तरी कमान​ के ​कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने ​खुद अपने हाथों से आज निकिता के कंधों पर चमचमाते सितारों को लगाया।​ अब ​वह भी पति की तरह आर्मी ऑफिसर की ​वर्दी पहनकर दुश्मनों से जंग करने के लिए तैयार हैं​।​ 
चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी में पासिंग आउट परेड के बाद नितिका ने अपने अनुभव बांटते हुए कहा कि पिछले 11 महीने में मैंने उसी यात्रा का अनुभव किया है जिससे उनके पति गुजरे हैं। मेरा मानना ​​​​है कि वह हमेशा मेरे जीवन का हिस्सा बनने जा रहे हैं।​ मेरे जीवन के पिछले 11 महीने महत्वपूर्ण रहे हैं, इस यात्रा के दौरान परिवार के सभी सदस्यों का सहयोग मिला​​।​​​ ​नीतिका ने अपने सास-श्वसुर का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि पति के शहीद होने के बाद सेना में शामिल होने के लिए उन्होंने ही प्रोत्साहित ​किया जिसका नतीजा है कि आज मैं इस मुकाम पर हूं​।​ ​उन्होंने महिलाओं को सन्देश देते हुए कहा कि जीवन में चुनौतियां बहुत हैं लेकिन अगर खुद पर भरोसा रखें तो आत्मविश्वास इन कठिनाइयों को आसान बना देता है।

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