भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चौकसी के भारत प्रत्यर्पण पर लगाई गई रोक.

डोमिनिका, 28 मई (हि.स.)। पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपित भगोड़े मेहुल चौकसी के भारत प्रत्यर्पण पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। इससे भारत की उम्मीदों को झटका लगा है।

मेहुल के वकीलों ने वहां बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है। उनका कहना है कि चोकसी को कानूनी अधिकारों से वंचित कर दिया गया था और उसे शुरू में अपने वकीलों से मिलने की अनुमति नहीं दी गई थी।

मेहुल चोकसी के वकील वेन मार्श का कहना  है कि मेहुल को  पीटा गया था, उसकी आंखें सूजी हुई थीं और उसके शरीर पर कई जगह जलने के निशान थे। मेहुल ने अपने वकील को बताया कि एंटीगुआ के जॉली हार्बर में उसका अपहरण कर लिया गया था और उन लोगों द्वारा फिर डोमिनिका लाया गया था। चोकसी ने बताया कि वे लोग भारत के थे।

डोमिनिका में चोकसी की गिरफ्तारी की खबरों के बाद एंटीगुआ और बारबुडा के प्रधानमंत्री गेस्टन ब्राउने ने स्थानीय मीडिया से कहा कि उन्होंने डोमिनिका के प्राधिकारियों को चोकसी को भारत प्रत्यर्पित करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं।

मेहुल चौकसी और उसका भांजा नीरव मोदी पीएनबी घोटाले में वांछित हैं। चोकसी ने निवेश द्वारा नागरिकता प्राप्त करने के कार्यक्रम का इस्तेमाल करते हुए 2017 में एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली थी और जनवरी 2018 के पहले सप्ताह में भारत से फरार होकर वहां चला गया था। उस पर पंजाब नेशनल बैंक से कथित तौर पर 13,500 करोड़ रुपये का घोटाला और जालसाजी करने का आरोप है।

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