नई दिल्ली, 27 मई (हि.स.)। कोरोना संक्रमण की वजह से देश की आर्थिक गतिविधियां धीमी पड़ी हैं। इसके साथ ही देश की अर्थव्यवस्था पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है। इसके बावजूद भारतीय रिजर्व बैंक के बैलेंसशीट में पिछले नौ महीने के दौरान यानी 1 जुलाई 2020 से 31 मार्च 2021 के बीच 3.73 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हो गई है। इस बढ़ोतरी के कारण रिजर्व बैंक की बैलेंसशीट अब 57.08 लाख करोड़ रुपये की हो गई है।
रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट 53.55 लाख करोड़ रुपये की थी लेकिन पिछले 9 महीने के दौरान 7 फीसदी की दर से वृद्धि होने के कारण बैलेंसशीट में 3.73 लाख करोड रुपये का इजाफा हो गया है। अब इस बैलेंसशीट का आकार बढ़कर 57.08 लाख करोड़ रुपये का हो गया है।
इस साल से रिजर्व बैंक ने अपने अकाउंटिंग ईयर के फॉर्मेट को भी बदल दिया है। पहले रिजर्व बैंक का अकाउंटिंग ईयर जुलाई से शुरू होता था लेकिन अब आरबीआई का अकाउंटिंग ईयर भी फाइनेंशियल ईयर की तरह 1 अप्रैल से शुरू होकर 31 मार्च को खत्म होगा। अकाउंटिंग ईयर बदले जाने की वजह से ही आरबीआई की सालाना रिपोर्ट में 2020-21 को सिर्फ 9 महीना मानकर ही सारी गणना की गई है।
रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में बताया गया है कि बैंक की परिसंपत्तियों में विदेशी और घरेलू निवेश के कारण मुख्य रूप से बढ़त हुई है। 2020-21 के दौरान विदेशी निवेश में 11.48 फीसदी और घरेलू निवेश में 13.75 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक की घरेलू परिसंपत्तियों में भी 26.42 फीसदी की बढ़त हुई है।
2020-21 के 9 महीनों के दौरान केंद्रीय बैंक की शुद्ध आय 99,126 करोड़ रुपये रही है। बैंक ने अपने पास जमा अतिरिक्त पैसे में से 99,122 करोड़ रुपये केंद्र सरकार को भी दिए हैं। इसके पहले 2019-20 में भी रिजर्व बैंक ने केंद्र सरकार को 57,127 करोड़ रुपये दिए थे।