पेट्रोल डीजल की कीमत पर 150 से 180% तक लगता है केंद्र और राज्य का टैक्स

नई दिल्ली, 27 मई (हि.स.)। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इस साल अभी तक 40 बार बढ़ोतरी की जा चुकी है। इसकी वजह से आम उपभोक्ताओं की जेब पर पेट्रोल और डीजल  लेने के एवज में काफी भार पड़ने लगा है। दिल्ली में आज पेट्रोल की कीमत 93.68 रुपये प्रति लीटर हो गई है। लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इस 93.68 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल की मूल कीमत 34.25 रुपये प्रति लीटर के आसपास है। पेट्रोल की कीमत पर उपभोक्ताओं को केंद्र और राज्य सरकारों के टैक्स के रूप में भारी भरकम राशि का भुगतान करना पड़ता है। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में टैक्स के रूप में प्रति लीटर करीब 54.38 रुपये प्रति का भुगतान करना पड़ता है। 
16 मई की गणना के मुताबिक उस दिन राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत प्रति लीटर 92.58 रुपये थी। पेट्रोल की इस कुल कीमत में इसकी मूल कीमत (बेस प्राइस) सिर्फ 34.19 रुपये ही थी। इसके अलावा कुल कीमत में केंद्र सरकार का टैक्स 32.90 रुपये, राज्य का टैक्स (वैट) 21.36 रुपये, डीलर का कमीशन 3.77 रुपये और किराया 36 पैसे प्रति लीटर शामिल है। 
इसी तरह 16 मई को डीजल 83.22 रुपये प्रति लीटर के भाव पर दिल्ली में बिक रहा था। डीजल की इस कुल कीमत में डीजल की मूल कीमत (बेस प्राइस) 36.32 रुपये थी। जबकि इस पर प्रति लीटर के हिसाब से केंद्र सरकार का टैक्स 31.80 रुपये और राज्य सरकार का टैक्स (वैट) 12.19 रुपये वसूला जा रहा था। इसके अलावा डीलर कमीशन प्रति लीटर 2.58 रुपये और किराया प्रति लीटर 35 पैसे भी मूल कीमत के साथ वसूले जा रहे थे। 
जानकारों का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकारें अपने राजस्व संग्रह के लिए पेट्रोलियम उत्पादों और शराब की बिक्री पर काफी निर्भर करती हैं। ये बात इन आंकड़ों से जाहिर भी होती है, क्योंकि पेट्रोल और डीजल की कीमत पर केंद्र और राज्य का टैक्स मिलाकर अलग अलग राज्यों में वहां के वैट की दर के हिसाब से आम उपभोक्ताओं को 150 से 180 फीसद तक अधिक राशि का भुगतान करना पड़ता है। 

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