कैट ने स्वर्ण आभूषणों पर अनिवार्य हॉलमार्किग की तारीख बढ़ाने का किया स्वागत

सरकार ने अनिवार्य हॉलमार्किंग की तारीख 15 जून तक कैट के अनुरोध पर बढ़ाया  
नई दिल्ली, 25 मई (हि.स.)। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सोने की गहनों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य करने की तारीख 15 जून तक बढ़ाने का स्वागत किया है। कैट ने केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री पियूष गोयल के अनिवार्य हॉलमार्किंग लागू करने की तारीख बढ़ाने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे देशभर के ज्वैलर्स को अनिवार्य हॉलमार्किंग के कर्यान्वयन के लिए तैयारी का मौका मिलेगा। गौरतलब है इससे पहले इसे 1 जून, 2021 से लागू किया जाना था। 

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने मंगलवार को कहा कि कारोबारी संगठनों के आग्रह पर पीयूष गोयल ने 16 जून, 2021 से लागू होने वाले इस नियम के क्रियानवयन के लिए एक समिति का गठन किया है। इस समिति में भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के महानिदेशक प्रमोद तिवारी संयोजक, उपभोक्ता मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव निधि खरे और कैट के प्रतिनिधि पंकज अरोड़ा, रेणु शर्मा सहित अन्य ज्वैलरी एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को समिति का सदस्य बनाया गया है। 

खंडेलवाल ने बतया कि गोयल ने यह घोषणा कल देर शाम बीआईएस द्वारा आयोजित एक वेबिनार में कैट और अन्य ज्वैलरी संगठनों के साथ हुई बातचीत के बाद की। उन्होंने कहा कि स्वर्ण आभूषणों पर अनिवार्य हॉलमार्किंग लागू करने की तिथि बढ़ाने एवं समिति के गठन एक सकारात्मक कदम है। खंडेलवाल ने कहा कि देश का व्यापारी समुदाय भारत में बेचे जाने वाले सामान की प्रौद्योगिकी और उन्नयन को अपनाने के लिए पूरी तरह तैयार है। कैट महामंत्री ने कहा कि इस कानून के लागू होने से सरकार, व्यापारियों और उपभोक्ताओं के बीच आपसी विश्वास बेहतर होगा। 

प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि कैट ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन (एआईजेजीएफ) के सहयोग से देश में हॉलमार्किंग केंद्रों को बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि देशभर में करीब 4 लाख ज्वैलर्स हैं, जो बड़ी संख्यां में स्थानीय कारीगरों को रोजगार देकर उनको आजीविका कमाने का अवसर मुहैया कराते हैं। गौरतलब है कि स्वर्ण आभूषणों के व्यापार में शामिल प्रत्येक व्यक्ति को अब केवल 14 कैरट, 18 कैरेट और 22 कैरेट की शुद्धता वाले हॉलमार्किंग प्रमाणित सोने के गहने ही बेचने होंगे। खंडेलवाल ने कहा कि 20 कैरेट और 22 कैरेट स्वर्ण आभूषणों को भी अनिवार्य हॉलमार्किंग श्रेणी में शामिल किया जाना चाहिए।

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