नई दिल्ली, 22 मई (हि.स.)। छत्रसाल स्टेडियम में 4 मई की रात सागर धनकड़ पहलवान की हत्या में शामिल होने के आरोपी सुशील पहलवान पुलिस से आंखमिचौली खेलने के बाद आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ गया। उसके साथी अजय को भी गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पंजाब के भटिंडा के पास से उसे गिरफ्तार और देर रात इंस्पेक्टर विवेक दहिया की टीम दोनों को दिल्ली लेकर आई। सुशील कुमार की गिरफ्तारी पर एक और अजय की गिरफ्तारी पर 50 हजार का इनाम रखा गया था।
सुशील कुमार को पूछताछ के लिए लोधी रोड स्थित दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के दफ्तर में रखा गया है। सुशील से पूछताछ करने के बाद उसके बाकी फरार साथी और कोच को भी पकड़ने में मदद मिलेगी जो सागर पहलवान की हत्या और सुशील को पुलिस की गिरफ्तारी से बचा रहे थे।
ज्ञात हो कि सुशील को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस की एक दर्जन से ज्यादा पुलिस टीमें लगी हुई थी। सुशील की आखिरी बार लोकेशेन भटिंडा में मिली थी। दिल्ली पुलिस के दो इंस्पेक्टर समेत 17 पुलिसकर्मियों ने उस जगह की घेराबंदी भी की थी लेकिन सुशील नहीं मिला था। असल में उसका एक फ़ोन नंबर मिला था, जिससे उसने अपने परिवार से सम्पर्क किया था। ये फोन नंबर बीट रोड भटिंडा में रहने वाले सुप्रीत सिंह के नाम था। जिसने पूछताछ में बताया कि उसके मामा के बेटे अमन ने सुशील को दिया था। अमन पुलिस को अपने घर से फरार मिला था।
दूसरी तरफ सुशील की मानें तो उसने छत्रसाल स्टेडियम में जिस अवैध पिस्तौल से गोली चलाई थी, उसे झज्जर हरियाणा से एक बदमाश से लिया था। उसका असल में मॉडल टाउन स्थित फ्लैट को लेकर विवाद के अलावा भी रोहतक में होने वाले एक इनामी दंगल में हुए विवाद से भी ताल्लुक था। जिसमें भारत के बड़े पहलवान हिस्सा लेते हैं।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि सुशील वारदात के बाद अपने सहयोगी के साथ कार में मेरठ से रुड़की होता हुआ भागा था। जिसके बाद वो 4 बार उत्तराखंड और एकबार रुड़की में रुका था। ज्ञात हो कि सुशील पहलवान का क्रिमिनल मामला पहला नहीं है। इससे पहले भी कई बार उसपर आरोप लगे। जिसमें हत्या के प्रयास से लेकर किडनैपिंग और धमकी देने के मामले हैं।
चेलों की मदद से बचता रहा
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘सुशील कुमार को वारदात के बाद से उसके कई राज्यों के गैंगस्टर साथियों की मदद मिलती रही थी। तभी वह करीब 17 दिन तक पुलिस को चकमा देता रहा था। वह करीब 14 अनजान नंबर से अपने परिवार, वकील और रिश्तेदारों के सम्पर्क में रह था। यहां तक कि जब उसका फोन ऑन भी था, तब भी वह स्विच ऑन और ऑफ करता रहता था और बीच-बीच में व्हाट्सएप कॉल करता था। उसे अच्छी तरह पता है कि तकनीक का उपयोग कैसे करना है ताकि पकड़ा न जाए। वह इस मामले में काफी प्रोफेशनल है। वह एक फ़ोन नंबर को कुछ ही घंटे के लिए चलाया करता था। वह अधिकतर वाट्सएप कॉलिंग किया करता था। उसे पता था कि व वाट्सअप कॉलिंग में उसकी लोकेशन ट्रैक नहीं हो पाएगी।
अधिकारी ने कहा, ‘इसके अलावा सुशील के संबंध कई गैंगस्टरों से हैं, जिन्होंने उसे बचाने में पूरी मदद की थी। यही नहीं सुशील कुमार के प्रशंसकों ने भी पुलिस को चकमा देने में काफी मदद की। असल में अंतरराष्ट्रीय पहलवान सुशील कुमार के दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बहुत बड़ी संख्या में प्रशंसक हैं। इस क्षेत्र के अधिकांश पहलवान उन्हें गुरु मानते हैं और खुद का उनका चेला. वे उसे बार-बार ठिकाने बदलने में मदद कर रहे थे। ये कौन कौन थे। इस बारे में सुशील से जरूर पूछताछ में पता लगाने की कोशिश की जाएगी। असल मे जो फरारी में सुशील की मदद कर रहे थे। शुरुआत में उसे बहादुरगढ़ से यह सिम कार्ड उपलब्ध करवाए गए थे। यह कार्ड उसे एक रिश्तेदार ने दिए हैं ,जो फिलहाल फरार है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि फरारी में सुशील पहलवान की मदद कर रहे लोगों के खिलाफ भी दिल्ली पुलिस एक्शन लेगी। इनमें उसे शरण देने वाले, गाड़ी मुहैया कराने वाले और सिम कार्ड उपलब्ध करवाने वाले शामिल हैं। अब ऐसे लोगों की जानकारी इक्ट्ठा कर उनकी भी तलाश पुलिस कर रही है।
तिहाड़ जेल में नीरज बवानिया से हो सकती है पूछताछ!
पुलिस सूत्रों की मानें तो सागर की हत्या वाले दिन सुशील के साथ कितने गैंग के बदमाश थे, इस बारे में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर नीरज बवानिया के गुर्गों का नाम सामने आया था। जो भी फुटेज मौके पर से मिली थी। उसमें सभी की पहचान की गई थी। जिसमे से कुछ नीरज बवानिया गैंग के पता चले थे। असल मे करीब 3 साल से नीरज और उसके मामा के सम्पर्क सुशील पहले से था। ऐसे में नीरज बवानिया से पूछताछ करने पर यह पता लगाने की कोशिश जरूर की जाएगी कि उसको वारदात के बारे में पता था य्या नही। वारदात से पहले क्या सुशील ने उससे सम्पर्क किया था। अगर उसके गुर्गे हैं तो कुछ उसकव वारदात के बारे में बताया गया था। या फिर उनके कहने पर उसके गुर्गे सुअबिल की सहायता करने के लिए गए थे।
विवादित जमीनों को हथियाने में पहलवानों का इस्तेमाल!
ऐसा बताया जा रहा है कि मॉडल टाउन का फ्लैट जो सुशील की पत्नी के नाम था और वह फ्लैट विवादित था, जिसे सुशील ने खरीद लिया था। ऐसा ही आरोप सागर धनकड़ के परिवार वालों ने भी लगाया है। उनका कहना है कि उनको शक है कि सुशील विवादित जगहों को खरीद लिया करता था। पहलवानों को सुशील उन जगहों पर रहने के लिए छोड़ दिया करता था। या फिर इन पहलवानों को अपने जानकारों की मदद के लिए भेज दिया करता था। जिनका खर्चा वह या उसके जानकर उठाया करते थे। शायद ऐसा कुछ सागर के साथ भी हुआ होगा। जिसको सागर ने मना कर दिया होगा। जिसके बाद वो विवाद बढ़ता ही चला गया होगा।
पत्नी पर भी हो सकती है एफआईआर
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सुशील की पत्नी और भी मॉडल टाउन थाने में एफआईआर दर्ज हो सकती है। असल में जिस फ्लैट को लेकर झगड़ा बताया गया। वो पहले से ही कब्जे को लेकर विवादों में था। जिसकी कीमत वर्तमान में तीन करोड़ रुपये है, लेकिन उसी फ्लैट को सुशील ने करीब एक करोड़ रुपये में उसे खरीदकर उसके कागजात बनवा लिये थे। ये कागज उसने अपनी पत्नी के नाम से बनवाये थे। जिसमें अब वह अपने पहलवानों को ठहराया करता था। कागजात अगर फर्जी सामने आते हैं तो सुशील की पत्नी के लिए भी मुसीबत बनना तय है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामला 30 हज़ार रुपये के किराये को लेकर कम ही था। असल मे जो जानकारी अभीतक मिली है, उसमें सागर की काला जेठड़ी के मामा के लड़के सोनू से करीबी भी है।