हाईकोर्ट ने व्हाट्स ऐप मामले में केंद्र सरकार से मांगा हलफनामा

नई दिल्ली, 17 मई (हि.स.)​​​।​​ दिल्ली हाईकोर्ट ने व्हाट्स ऐप की प्राइवेसी पॉलिसी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वो व्हाट्स ऐप के हलफनामे पर जवाब दाखिल करे। इस मामले पर अगली सुनवाई 3 जून को होगी।
व्हाट्स ऐप ने हाईकोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा है कि उसकी प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार करना किसी यूजर के लिए बाध्य नहीं है। व्हाट्स ऐप ने कहा है कि कानून के मुताबिक अगर यूजर उसकी शर्तों को नहीं मानता तो कंपनी उसे सर्विस देने के लिए बाध्य नहीं है। वो यूजर को ऑप्ट आउट का विकल्प देने के लिए बाध्य नहीं है। व्हाट्स ऐप ने कहा है कि उसके अपडेट में कोई भी हस्तक्षेप इंटरनेट आधारित ऐप और वेबसाइट से जुड़े सभी उद्योग को बर्बाद कर देगा।
व्हाट्स ऐप ने कहा है कि यूजर का डाटा माइक्रोसॉफ्ट, जोमैटो, गूगल, जूम, बिग बास्केट, ट्रूकॉलर, कू इत्यादि जैसी निजी कंपनियां भी एकत्र करती हैं। यहां तक कि सरकारी कंपनियां जैसे आरोग्य सेतु, आईआरसीटीसी, भीम ऐप इत्यादि भी यूजर का डाटा एकत्र करती हैं। व्हाट्स ऐप ने कहा है कि उद्योग जगत में जो प्रचलन में है वो भी वही कर रही है। केंद्र सरकार ने 19 मार्च को अपना जवाब दाखिल करते हुए व्हाट्स ऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को रोकने की मांग की थी। केंद्र सरकार ने हलफनामा में कहा है कि व्हाट्स ऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी आईटी एक्ट का उल्लंघन है।
याचिका सीमा सिंह और मेघन सिंह ने दायर की है, जिसमें कहा गया है कि व्हाट्स ऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी से लोगों की निजता के अधिकार का उल्लंघन हो रहा है और देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। याचिका में कहा गया है कि व्हाट्स ऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी किसी यूजर की सभी आनलाइन गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए तैयार किया गया है। याचिका में कहा गया है कि डाटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी के अभाव में यूजर्स को कंपनी के रहमोकरम पर भी निर्भर रहना होगा। याचिका में व्हाटस ऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को अपडेट करने से तत्काल रोकने की मांग की गई है।
याचिका में कहा गया है कि व्हाटस ऐप की प्राइवेसी पॉलिसी के मुताबिक वो यूजर का डाटा किसी तीसरे पक्ष को शेयर नहीं करने के अधिकार को छीनता है। अगर व्हाटस ऐप यूजर्स का डाटा फेसबुक को शेयर करती है इसका मतलब है कि वो हर सेकंड यूजर का डाटा संग्रह करेगा और एक तरह से वो फेसबुक और उसकी कंपनियों की निगरानी में रहेगा। ऐसा करना गैरकानूनी है। व्हाटस ऐप के यूजर एक-दूसरे को संदेश देने के लिए उसका उपयोग करते हैं लेकिन अगर उन सूचनाओं का उपयोग किसी पक्ष से करना गैरकानूनी है।

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