कोरोना के खिलाफ जंग, सरकारी खरीद के नियमों में किया गया बदलाव

नई दिल्ली, 15 मई (हि.स.)। कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी का मुकाबला करने के लिए केंद्र सरकार ने जरूरी सामानों की सरकारी खरीद के नियमों में तत्काल प्रभाव से बदलाव कर दिया है। इस बदलाव के तहत कोरोना की रोकथाम के लिए जरूरी सामान की सरकारी खरीदारी के लिए मेक इन इंडिया को प्राथमिकता देने की शर्त को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया है। कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए की जाने वाली सरकारी खरीदारी में अब मेक इन इंडिया की शर्तों का पालन करना आवश्यक नहीं होगा। इस बीमारी की रोकथाम के लिए जरूरी समझी जाने वाली चीजें विदेशी बाजार से भी खरीदारी के अन्य नियमों का पालन करते हुए आसानी से खरीदी जा सकेंगी। 
केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी पर प्रभावी तरीके से रोक लगाने के लिए सरकार अपनी ओर से हरसंभव कोशिश कर रही है। यही वजह है कि कोरोना की रोकथाम के लिए जरूरी चीजों की खरीद के लिए सरकारी खरीदारी के नियमों में बदलाव किया गया है। इस बदलाव के अनुसार 30 सितंबर 2021 तक कोरोना के रोकथाम के लिए जरूरी समझी जाने वाली चीजें अंतरराष्ट्रीय बाजार से भी खरीदी जा सकेंगी। इस खरीददारी के लिए मेक इन इंडिया नियम का पालन करना बाध्यकारी नहीं होगा। 
उल्लेखनीय है कि 15 जून 2017 को केंद्र सरकार ने सरकारी खरीद के संबंध में एक नियम जारी करके मेक इन इंडिया को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया था। इस नियम के मुताबिक 50 लाख रुपये से कम की सरकारी खरीदारी करने पर मंत्रालय या सरकारी विभाग को मेक इन इंडिया नियम के तहत स्थानीय आपूर्तिकर्ता को प्राथमिकता देने की बात कही गई थी। वहीं अगर सरकारी खरीद 50 लाख रुपये से अधिक की हो तो इस नियम के मुताबिक कुल खरीद का कम से कम 20 फीसदी स्थानीय आपूर्तिकर्ता से ही लेना आवश्यक कर दिया गया था। 
केंद्र सरकार के निर्देश में साफ किया गया था कि हर तरह की सरकारी खरीद या सेवा कार्य में ये नियम लागू होगा। साथ ही केंद्र और राज्य सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों को इस नियम का हर हाल में पालन करना होगा। केंद्र सरकार ने मेक इन इंडिया को प्राथमिकता देने वाला ये नियम इसलिए बनाया था, ताकि घरेलू उद्यमियों को प्रोत्साहन दिया जा सके। सरकार का इरादा इस नियम के जरिये स्थानीय स्तर पर लोगों की आमदनी बढ़ाने के साथ ही रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देने का था लेकिन कोरोना संकट के इस दौर में केंद्र सरकार ने इस नियम को 30 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया है, ताकि नियमों के चक्कर में पड़कर कोरोना के रोकथाम के लिए जरूरी चीजों की खरीद करने में बेवजह समय की बर्बादी ना हो। 

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