ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स जमाखोरी : नवनीत कालरा को हाईकोर्ट से भी नहीं मिली राहत

नई दिल्ली, 14 मई (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स की जमाखोरी के मामले में आरोपित नवनीत कालरा को फिलहाल कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया है। जस्टिस एम सुब्रमण्यम प्रसाद ने इस मामले पर अगली सुनवाई 18 मई को करने का आदेश दिया। इसके पहले 13 मई को दिल्ली के साकेत कोर्ट ने नवनीत कालरा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था। 
सुनवाई शुरू होते ही एएसजी एसवी राजू ने मामले की सुनवाई 18 मई तक के लिए टालने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस मामले में कई नई बातें सामने आई हैं। इसमें फर्जी कंपनियों का भी मामला है। इस पर नवनीत कालरा की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अंतरिम जमानत देने की मांग की। सिंघवी ने कहा कि अभियोजन को किसी भी तरह से आरोप सिद्ध करना नहीं होता है। ऐसा नहीं होना चाहिए कि अग्रिम जमानत निरर्थक हो जाए। 
सिंघवी ने कहा कि दिल्ली पुलिस कालरा के रिश्तेदारों के घर पर भी जा रही है। इस पर राजू ने कहा कि इस मामले पर कल रात में सुनवाई हुई। इस अग्रिम जमानत में ऐसा क्या है। इस पर सिंघवी ने एतराज जताते हुए कहा कि कोर्ट का दायरा बड़ा होता है। मजिस्ट्रेट भी रविवार को सुनवाई करते हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी रविवार को बैठी है। उन्होंने कहा कि ये प्रताड़ना का मामला है। उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम और धारा 420 पर हमारा फोकस है। 
सिंघवी ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता है कि ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स कुछ चीजों के लिए ड्रग्स हों और कुछ में नहीं। तब कोर्ट ने कहा कि इस मामले में एफआईआर हो चुकी है और जांच चल रही है। तब सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला है कि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट में एफआईआर दर्ज नहीं हो सकता है। आप किसी पर आरोप तय करने से पहले उसे दोषी कैसे करार दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि अलग-अलग निर्माताओं की अलग-अलग एमआरपी हो सकती है। सिंघवी ने अगली सुनवाई तक कालरा की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की। इस पर कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के फैसले पर रोक की कोई जरूरत नहीं है। कोर्ट ने कालरा को कोई भी अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। 
पिछले 13 मई को सिंघवी ने कहा था कि मीडिया ट्रायल किया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि नवनीत कालरा ने न तो ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर का आयात किया है और न ही इसके निर्माता हैं। कालरा रेस्टोरेंट चलाते हैं और उनका ऑप्टिकल का पुराना व्यवसाय है। कालरा की समाज में जड़ें हैं। कालरा ने हाल ही में ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर का बिजनेस शुरू किया है। उन्होंने जीएसटी का भुगतान किया है और उसकी जमाखोरी नहीं की है। उन्होंने कहा था कि आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3 के तहत इसे शामिल नहीं किया गया है। सिंघवी ने कहा था कि कालरा ने हाल ही में इन ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स को मैट्रिक्स सेलुलर से खरीदा था। इसकी रसीदें सार्वजनिक की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा था कि ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स आवश्यक वस्तु अधिनियम में नहीं रखा गया है। कोर्ट ने सिंघवी से पूछा था कि कितने ऑक्सीजन कंसेट्रेटर्स जब्त किए गए हैं। तब सिंघवी ने कहा था कि 9 टाउन हॉल से और 96 खान चाचा रेस्टोरेंट से जब्त किए गए। तब कोर्ट ने कहा था कि 105 ऑक्सीजन कंसेट्रेटर्स जब्त हुए हैं। कोर्ट ने सिंघवी से पूछा था कि नवनीत कालरा ने किस आधार पर ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर को अपने यहां रखा था। तब सिंघवी ने कहा था कि इसके लिए किसी लाइसेंस की जरूरत नहीं है। तब कोर्ट ने कहा था कि केंद्र ने ड्रग के लाइसेंस की जरूरत बताई है। मेडिकल उपकरण भी ड्रग के दायरे में आता है। आप ये बताइए कि ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत ड्रग है कि नहीं। 
दिल्ली पुलिस की ओर से एएसजी एसवी राजू ने कहा था कि ये एक असाधारण केस है। ये कोरोना महामारी के समय लोगों से धन कमाने का केस है। ये वक्त लोगों से धन कमाने का नहीं है। उन्होंने कहा कि एफआईआर के आधार पर अग्रिम जमानत का फैसला नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा था कि ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स की गुणवत्ता ठीक नहीं थी, जबकि इसे प्रीमियम कहकर बेचा गया। इन कंसेंट्रेटर्स की गुणवत्ता की जांच की गई थी। इस पर कोर्ट ने जांच रिपोर्ट मांगी। तब राजू ने कहा था कि ये बात मैं जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं। उन्होंने कहा था कि आरोपी ने जर्मन कंसेंट्रेटर कहकर चीन का बना कंसेंट्रेटर बेचा। कोर्ट ने राजू से पूछा था कि कालरा इंपोर्टर नहीं थे। उन्होंने वही बेचा जो उन्हें मिला। ऐसे में क्या आप इल्जाम लगा सकते हैं। तब राजू ने कहा था कि आरोपित को मशीनों की जांच करनी चाहिए थी। इसलिए ये बहाना नहीं चलेगा। यह एक गंभीर जांच का विषय है। उन्होंने कहा था कि इंपोर्टर की मशीनें उसी के स्टोर में रखी गई थी। हो सकता है कि वे दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हों। उन्होंने कहा था कि अगर अग्रिम जमानत दी गई तो ये जांच को प्रभावित करेगा। इससे दूसरे जमाखोरों को अपना अपराध करने के लिए प्रेरित करेगा। 
उल्लेखनीय है कि विगत 13 मई को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने नवनीत कालरा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। दिल्ली पुलिस ने खान मार्केट के एक रेस्टोरेंट से ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर बरामद दिया था। उसके बाद पुलिस ने छतरपुर में छापा मारकर एक आरोपी को गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस ने 387 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर मैट्रिक्स सेलुलर कंपनी के वेयरहाउस से बरामद किया था। पिछले 6 मई को पुलिस ने लोधी कालोनी के एक रेस्टोरेंट से 419 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर जब्त किया था। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में गौरव, सतीश सेठी, विक्रांत और हितेश को गिरफ्तार किया था। इन सभी को जमानत मिल चुकी है। पिछले 12 मई को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने इन सभी को जमानत दी थी। 

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