राज्य सरकारों को भी आगे आने की आवश्यकता पर दिया जोर
गंगटोक, 13 मई (हि.स.)। भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान भाइचुंग भूटिया ने कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों की मदद करने के लिए भारत सरकार के खेल मंत्रालय की पहल का स्वागत किया है। उन्होंने कोविड महामारी के समय खेल मंत्रालय की इस पहल को सराहनीय बताया है। साथ ही, भूटिया ने राज्य सरकारों को भी राज्य स्तर के खिलाड़ियों की मदद के लिए आगे की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने आज अपने आधिकारिक फेसबुक पेज के माध्यम से यह बात साझा की है।दरअसल, भारत सरकार के युवा मामले और खेल मंत्रालय, इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन और भारतीय खेल प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में पूर्व-अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को कोविड-19 महामारी के दौरान चिकित्सा, वित्तीय और अन्य सहायता सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष सहायता सेल की स्थापना की है। पूर्व-अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को सहायता प्राप्त करने के लिए www.research.net/r/SAI-IOA-covid-19 पर पंजीकरण करने को कहा गया हैं।खेल मंत्रालय की इस पहल के सिलसिले में हिन्दुस्थान समाचार ने भाइचुंग भूटिया से फोन पर बात की। भूटिया ने कहा कि भारत सरकार के युवा एवं खेल मंत्रालय ने इस कोविड महामारी के दौरान पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों की मदद के लिए जो पहल की है वो स्वागत योग्य और सराहना है। खेल मंत्रालय की यह सहायता केवल पूर्व-अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों के लिए है। लेकिन, ऐसे कई खिलाड़ी हैं जो विभिन्न मंचों पर अपने राज्यों का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और आज वे कई कठिनाइयों का सामना कर रहे है। भूटिया ने कहा कि सिक्किम सहित देश के अन्य राज्यों में ऐसे खिलाड़ियों को मदद की आवश्यकता है। राष्ट्रीय मंचों पर राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले ऐसे खिलाड़ियों की मदद के लिए राज्य सरकारों को आगे आना चाहिए। क्योंकि, राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिकांश खिलाड़ी गरीब परिवारों से आते हैं। ऐसे खिलाड़ियों के लिए खेल और युवा मामले विभागों को कम से कम बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को खिलाड़ियों की स्वास्थ्य देखभाल के लिए कुछ बजट आवंटित करना चाहिए। बीमारी के दौरान जो खिलाड़ी अपना चिकित्सा खर्च वहन नहीं कर सकते, उनकी मदद की जानी चाहिए। ऐसे मामले हर जगह हैं।
2021-05-13