नई दिल्ली, 12 मई (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर बुधवार को भी सुनवाई टाल दी। आज चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच नहीं बैठी जिसकी वजह से सुनवाई टाली गई। अब इस मामले की सुनवाई गुरुवार (13 मई) को होगी।
कोर्ट ने इस मामले में 11 मई को भी सुनवाई टाल दी थी। केंद्र सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि सरकार के तरफ से विस्तृत हलफनामा दायर किया गया है। हलफनामे में कहा गया है कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आदेश के मुताबिक दिल्ली में लॉकडाउन से पहले से मजदूर काम कर रहे हैं। निर्माण कार्य में लगे सभी मजदूरों का हेल्थ इंश्योरेंस है और निर्माण स्थल पर रहने समेत कोरोना से बचाव संबंधी तमाम सुविधाएं भी हैं। केंद्र सरकार ने हलफनामे में कहा है कि याचिकाकर्ता ने तथ्यों को छिपाया है। हलफनामे में कहा गया है कि दिल्ली में 16 स्थानों पर निर्माण गतिविधियां और परियोजनाएं चल रही हैं और फिर भी याचिकाकर्ता ने केवल सेंट्रल विस्टा पर भी याचिका दाखिल की है। इससे उनके इरादे का पता चलता है। केंद्र सरकार ने याचिका को जुर्माने के साथ खारिज करने की मांग की है।
हाईकोर्ट ने पिछले 10 मई को सेंट्रल विस्टा में निर्माण कार्य रोकने की मांग करने वाली याचिका पर जल्द सुनवाई करने को तैयार हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 10 मई को वकील सिद्धार्थ लूथरा ने इस मामले को चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष जल्द सुनवाई के लिए मेंशन किया था। दरअसल पिछले 7 मई को सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा में निर्माण कार्य रोकने की मांग वाली याचिका पर आदेश दिया था कि याचिकाकर्ता के वकील सिद्धार्थ लूथरा खुद या किसी और वकील के ज़रिए 10 मई को दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से जल्द सुनवाई के लिए निवेदन करें। लूथरा का कहना था कि मामले में तत्काल सुनवाई ज़रूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली हाईकोर्ट इस पर विचार करे और मामले को सुनकर आदेश दे।
वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि हर दिन की देरी से मज़दूरों पर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है। लूथरा ने कहा था हम ऐसी स्थिति में हैं, जहां स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। लोग मर रहे हैं। लूथरा ने कहा था दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकार ने सारा निर्माण कार्य रोकने का आदेश दिया हुआ है लेकिन सेंट्रल विस्टा में काम जारी है। लूथरा ने कहा कि निर्माण कोई अनिवार्य गतिविधि नहीं है। इसे रोका जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 5 जनवरी को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी थी। तीन जजों की बेंच ने 2-1 के बहुमत से फैसला सुनाते हुए सेंट्रल विस्टा के लिए जमीन का डीडीए की तरफ से लैंड यूज बदलने को सही करार दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण क्लियरेंस मिलने की प्रक्रिया को सही कहा था।
2021-05-12