कोरोना प्रकोप से बचने के लिए राज्य के कई ग्रामों में स्वैच्छिक लॉकडाउन

हैदराबाद,10 मई (हि.स.)। राज्य में कोरोना का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। इसका असर अब कई जिलों में   गांवों तक पहुंकर गया है। इससे स्थिति और गंभीर होती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से बेकाबू  होते कोरोना के संक्रमण को फैसने से रोकने के लिए राज्य के लगभग 50 गांवों ने स्वैच्छिक लॉकडाउन लगा दिया है।
वर्तमान में राज्य में हर दिन पांच हज़ार से अधिक कोरोना के मामले आ रहे हैं। इससे राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या एक लाख से भी अधिक हो गई। इसी बीच राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि राज्य में लॉकडाउन नहीं होगा। इसलिए लोगों ने खुद को बचाने और प्रतिबंधों का सख्ती से पालन करने के लिए यह कदम उठाना पड़ रहा है। वरंगल, करीमनगर, रंगारेड्डी, खम्मम, विकाराबाद, आदिलाबाद, निजामाबाद, मेदक और महबूबनगर जैसे जिलों के कई गांवों और कस्बों ने लोगों ने स्वैच्छिक लॉकडाउन लागू करने का फैसला किया है। ग्राम पंचायतों ने लॉकडाउन के उल्लंघनकर्ता पर एक हजार रुपये से लेकर पांच हजार रुपये तक का जुर्माना का प्रावधान किया है। गांवों में दुकानें सुबह कुछ देर के लिए ही खोली जा रही हैं। इसके अलावा पलकिड, चिट्टियाला, नारायणपुरम और अन्य मंडलों में स्वैच्छिक लॉकडाउन का लोग समर्थन दे रहे हैं। कुछ स्थानीय निकाय भी स्थानीय लोगों के निर्णय का समर्थन कर रहे हैं।  
बताया गया है कि महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्यों की सीमाओं पर बसे गांवों में इन दोनों राज्यों से आने वाले लोगों को आने पर 15 दिन के लिए सरकारी एकांतवास में भेजा जा रहा है। कुछ गांव में 5 बजे के बाद वाहनों के प्रवेश की अनुमति नहीं नहीं दी जा रही है। केवल राष्ट्रीय राजमार्गों पर बसे गांवों में ही मुख्य सड़क से ही वाहनों को गुज़रने की अनुमति दी जा रही है।

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