बेगूसराय, 10 मई (हि.स.)। कोरोना के काफी तेजी से बढ़ते संक्रमण के कारण परिस्थिति बहुत विषम हो गई है। लोग मर रहे हैं लेकिन लोग समझने का नाम नहीं ले रहे हैं। संक्रमण के वायरल चैन को रोकने के लिए सरकार ने लॉकडाउन लागू कर दिया है। अति आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सेवा ठप कर दी गई है। लोगों को घर में लॉक रहने की सलाह दी गई है, बाहर निकलने पर कानूनी और पुलिसिया कार्रवाई शुरू हो गई है। लेकिन शहर से लेकर गांव तक के लोग अभी भी प्रोटोकॉल का मजाक उड़ा रहा है लोग माहौल देखने के लिए सड़क पर निकल रहे हैं। तमाम दुकानें बंद कर दी गई है, लेकिन व्यवसायी पिछले दरवाजे से भीड़ जुटाकर सामान बेच रहे हैं। शटर आधा गिराकर ग्राहक का इंतजार किया जाता है और पुलिस की गाड़ी देखते ही लोग हट जाते हैं।
होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों से अन्य लोगों को बचाने के लिए प्रशासन जोखिम क्षेत्र (कंटेनमेंट जोन) का निर्धारण कर वहां बांस- बल्ला लगाकर घेर देते हैं। लेकिन प्रशासन के हटते ही लोग बांस-बल्ला हटाकर जोखिम क्षेत्र में आवाजाही शुरू कर देते हैं, जो बड़ा खतरा पैदा कर सकता है। जिनको होम आइसोलेशन का सलाह दिया गया है वो भी घर में भी मास्क नहीं लगा रहे हैंं। जिनके घरों के आसपास प्रशासन के द्वारा प्रतिबंधित क्षेत्र का पर्चा लगाया गया है वो भी बाहर निकलकर टहल रहे हैं। ऐसी स्थिति में संक्रमण फैलने का खतरा और भी तेजी से फैल रहा है। लोगों को होम आइसोलेशन के महत्व को समझना होगा। यह कोई मजाक नहीं है और कड़ाई के साथ होम आइसोलेशन के प्रोटोकॉल का पालन करना होगा, तभी संक्रमण का खतरा कम होगा।हालांकि सूचना मिलने के बाद प्रशासन एक्शन मोड में आई है और डीएम ने सभी जोखिम क्षेत्र का दैनिक अनुश्रवण करने का निर्देश दिया है। डीएम के निर्देश पर प्रशासनिक अधिकारी एवं स्वास्थ विभाग के अधिकारी जोखिम क्षेत्रों का लगातार निरीक्षण कर जहां कहीं से भी बांस-बल्ला हटाए गए हैं, वहां फिर से घेराबंदी कर होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दे रहे हैं। वहीं, कुछ लोग अभी भी स्वास्थ्य विभाग की सलाह नहीं मान रहे हैं। डॉक्टर अगर होम आइसोलेशन का सलाह दे रहे हैं तो लोग इसे आराम से घर वालों के संग रहना मान रहे हैं। आइसोलेशन का अर्थ होता है अलग-थलग रहना, लेकिन लोग सबके साथ घर पर रह रहे हैं और घर का काम कर रहे हैं। अब स्थिति बहुत विषम हो गई है, ग्रामीण क्षेत्र के लोग जो पहली लहर में बचे हुए थे वो भी प्रभावित हो रहे हैं। लेकिन गांवों में लोग अब भी जागरूक नजर नहीं आ रहे हैं।
डॉ. अभिषेक कुमार कहते हैं कि वैसे कोरोना पॉजिटिव मरीज, जिनमें लक्षण की तीव्रता कम हो, जिनका ऑक्सीजन लेवल, रिस्पेरेट्री रेट और प्लस रेट ठीक हो वैसे मरीजों को होम आइसोलेशन का सलाह दिया जाता है। वैसे मरीज के साथ-साथ घर से दूसरे सदस्यों को मास्क का उपयोग करना चाहिए। मरीज को अनावश्यक कमरे के बाहर नहीं निकलना चाहिए। घर के दूसरे सदस्य भी जितना संभव हो घर के अंदर ही रहें, अगर बाहर निकलना आवश्यक हो तो बिना मास्क लगाए नहीं निकलें।