बेगूसराय, 07 मई (हि.स.)। विश्व कवि रवींद्रनाथ टैगोर को उनकी 160 वीं जयंती के अवसर पर शुक्रवार को श्रद्धापूर्वक याद किया गया। कोरोना लॉकडाउन के कारण प्रोटोकॉल का पालन करते हुए विभिन्न संघ-संगठनों ने उन्हें याद किया। इस अवसर पर शहीद सुखदेव सिंह समन्वय समिति के तत्वधान में सर्वोदय नगर स्थित सुखदेव सभागार में उन्हें शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में याद किया गया। अमरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि आज ही के दिन 1861 में उनका जन्म बंगाल में हुआ था। उनका वंश विदुत्ता के लिए चिरकाल से प्रसिद्ध है और आज सारा विश्व उनका ऋणी है।डॉ. चंद्रशेखर चौरसिया ने कहा कि देदीप्यमान रतन रविन्द्रनाथ टैगोर की साहित्य और संगीत प्रतिभा 16 वर्ष की आयु से ही प्रकट होने लगी। वे बांग्ला भाषा साहित्यकार में सर्वाधिक चमक वाले छात्र के रूप में शोभायमान हैं। उन्होंने किसी कॉलेज में शिक्षा ग्रहण नहीं किया, फिर भी विभूति साहित्यकार विधाओं के कॉलेज थे। हर भाषा का ज्ञान बिना कॉलेज गए हुए प्राप्त कर, विश्व में नाम कमाया। उनकी लेखनी में सभी जातियों, समुदायों की आधुनिक मूल स्पष्ट झलकता था। ऐसे महान विश्वकवि रविंद्रनाथ टैगोर के विचार को आज के युवक समझें।
2021-05-07