लॉकडाउन में गरीब भूखे न मरे यह सरकार के लिए बड़ी चुनौती:शिवानन्द

पटना,07 मई (हि. स.)।राजद के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि लॉकडाउन में लोग भूख से नहीं मरें, सरकार के सामने यह बहुत बड़ी चुनौती है। 
उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि इसका मुक़ाबला शहरों में दस-बीस सामुदायिक रसोई चलवा कर नहीं किया जा सकता, मुहल्ला स्तर पर इसकी योजना बनाना ज़्यादा व्यवहारिक होगा। इसके लिए सरकार को तत्काल स्वंयसेवी संगठनों को इस अभियान से जोड़ना चाहिए।शीघ्र उनकी बैठक बुलानी चाहिए। रिक्शा यूनियन, ठेला यूनियन, मोटिया श्रमिकों जैसे संगठनों के पदाधिकारियों को भी आमंत्रित कर उनकी सलाह लेनी चाहिए और इस महाअभियान में उनकी मदद लेनी चाहिए।यू तो पूरे शहर में ग़रीबों की आबादी है।उनकी सघन आबादी वाले मुहल्लों को उनके बीच काम करने वाले संगठनों की मदद से चिन्हित करना चाहिए.। ताकि कोई भूखा नहीं सोये।
उन्होंने कहा कि विधायकों तथा पंचायतों और नगर निकायों के चुने हुए प्रतिनिधियों को भी इस अभियान में जोड़ना चाहिए। अकेले सरकारी कर्मचारियों या ठीकेदारों के हाथ में यह काम छोड़ना क़तई उचित नहीं। मुख्यमंत्री जी राजधानी के सामुदायिक रसोई का समय समय पर औचक निरीक्षण करें। इससे दबाव बनेगा और अभियान में गंभीरता का एहसास पैदा होगा। मुझे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री जी इसको गंभीरता से लेंगे और तत्काल इस दिशा में कदम उठायेंगे।

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