नई दिल्ली, 07 मई (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को निर्देश दिया है कि वो हरियाणा से पानी आपूर्ति के लिए अपर यमुना रिवर बोर्ड के समक्ष अपनी बात रखे। जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले में नियुक्त एमिकस क्यूरी की रिपोर्ट के बाद ये आदेश दिया। कोर्ट ने अपर यमुना रिवर बोर्ड को निर्देश दिया कि वो दिल्ली जल बोर्ड की शिकायतों पर जल्दी से निपटाएं।
कोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड के वकील नादान से कहा कि एमिकस क्यूरी की रिपोर्ट हमने पढ़ ली है जो आपके लिए प्रतिकूल है। इसलिए आप अपर यमुना रिवर बोर्ड के समक्ष अपनी बात रखें। दिल्ली जल बोर्ड ने याचिका में आरोप लगाया था कि हरियाणा यमुना में प्रदूषण फैला रहा है, उसे ऐसा करने से रोका जाए। पिछले 9 फरवरी को यमुना प्रदूषण पर स्वतः संज्ञान लेने के मामले पर सुनवाई करते हए सुप्रीम कोर्ट ने जल शक्ति मंत्रालय को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने इस मामले में जल शक्ति मंत्रालय को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। पिछले 13 जनवरी को कोर्ट इस मामले में वकील मीनाक्षी अरोड़ा को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड की याचिका पर हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह खुद भी इस मामले पर संज्ञान ल रहा है। दिल्ली जल बोर्ड ने याचिका दाखिल कर कहा था कि हरियाणा से पीने का गंदा पानी आ रहा है, जिसमें अमोनिया की मात्रा ज्यादा है। पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने से कैंसर जैसी बीमारी बढ़ने का खतरा ज्यादा है। याचिका में कहा गया था कि एनजीटी ने भी माना है कि हरियाणा का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट सही नहीं है।
2021-05-07