रायबरेली, 07 मई (हि.स.)। भाजपा विधायक दलबहादुर कोरी के निधन पर उत्तर प्रदेश विधानसभा के माननीय अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने गहरा दुख व्यक्त किया है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि दल बहादुर कोरी 12वीं एवं तेरहवीं विधानसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित होकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार में राज्य मंत्री समाज कल्याण रहे। दल बहादुर कोरी के निधन से उत्तर प्रदेश की राजनीति में हुई क्षति की भरपाई हो पाना कठिन है। श्री दीक्षित ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि वह दिवंगत आत्मा को चिर शांति व शोक संतप्त परिवार को इस अपार दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
उल्लेखनीय है कि, भाजपा विधायक दलबहादुर कोरी का शुक्रवार को तड़के लखनऊ के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया था वह कोरोना से संक्रमित थे और उन्हें एक सप्ताह पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह रायबरेली के सलोन विधानसभा क्षेत्र से चुनकर आये थे और बेहद लोकप्रिय विधायकों में गिने जाते थे। रायबरेली के पद्मनपुर गांव के निवासी दलबहादुर कोरी बेहद साधारण पृष्ठभूमि से आते थे व 1993 में पहली बार विधायक बने थे।
1996 में वह कल्याण सिंह मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री भी रहे हैं। कोरी 2007 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे लेकिन जल्द ही उनकी दुबारा भाजपा में वापसी हो गई। उन्हें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का काफी करीबी माना जाता है। जनता के बीच बेहद लोकप्रिय और अपनी साधारण छवि से उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई थी।
53 साल की उम्र में पास की थी हाईस्कूल परीक्षा
भाजपा विधायक दलबहादुर कोरी बेहद साधारण पृष्ठभूमि के थे और कानपुर में रहकर मजदूरी करते थे।पिता की असमय मृत्यु होने पर उन्होंने जानवर चराकर अपना जीवनयापन भी किया। इसी चक्कर मे उनकी पढ़ाई छूट गई और वह कक्षा आठ से आगे नहीं पढ़ पाए।1991 में वह घर लौटे और भाजपा में राजनीति शुरू की। बावजूद उनके मन में पढ़ने की ललक रही। 2010 में उन्होंने हाईस्कूल की परीक्षा दी और 63.3 प्रतिशत से पास की। उस समय उनकी उम्र 53 वर्ष की थी,उस समय उनका हाईस्कूल पास करना चर्चा का विषय बन गया था। दलबहादुर का कहना था कि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती और शिक्षा से ही जीवन में बदलाव किया जा सकता है। सरकार के करोड़ों रुपये खर्च करने का कोई मतलब नहीं, यदि जनता खुद शिक्षा के प्रति जागरूक न हो।
2021-05-07