हाई कोर्ट की नाराजगी के बाद अस्पतालों में बेडों की स्थिति की गई सार्वजनिक

– कोरोना के आंकड़े हम स्वास्थ्य विभाग को देते हैं और वहीं से जारी होते हैं: महेश बाबू, डीडीओ

अहमदाबाद, 07 मई (हि.स.)। हाई कोर्ट की कड़ी कठोर प्रतिक्रिया और सख्त आदेश का असर अब अहमदाबाद सहित गुजरात के सभी नगर निगम संबद्ध अस्पतालों में दिखना शुरू हो गया है। नगर निगम के अस्पतालों ने कोरोना बेड की स्थिति को लेकर अब वास्तविक आंकड़े संबंधित वेबासाइट पर अपलोड करना शुरू कर दिया गया है। साथ ही अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारी का मोबाइल नंबर भी दिया गया है।
दरअसल, गुजरात हाई कोर्ट ने राज्य में कोरोना के आंकड़ों के खेल के लिए राज्य सरकार से नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने अस्पतालों में रिक्तियों के वास्तविक समय के आंकड़े भी मांगे थे लेकिन अहमदाबाद जिले में कोरोना मामलों की संख्या, मृतकों की संख्या, रोगियों की संख्या में कमी आदि के आंकड़े कलेक्टर और डीडीओ ने उपलब्ध नहीं कराए गए। 
इस संबंध में अहमदाबाद जिले के डीडीओ अरुण कुमार महेश बाबू ने बताया कि सभी जानकारियां सरकार के स्वास्थ्य विभाग को भेजी जाती हैं। पूरी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के ट्विटर पर पोस्ट की गई हैं। इस पर सवाल उठया गया कि गांवों में कितने लोग ट्विटर का उपयोग करते हैं, तो डीडीओ अपने ट्विटर पर जानकारी देने का मतलब है। 
अहमदाबाद जिले में कोरोना मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने प्रत्येक गांव और तहसील में अलगाव केंद्र स्थापित किए गए हैं। लेकिन कोरोना मामलों के आंकड़े, रोगियों के ठीक होने और मौत के आंकड़े नहीं दिए गए हैं।डीडीओ ने बताया कि अहमदाबाद नगर निगम और निजी अस्पतालों में अलगाव, एचडीयू, आईसीयू वेंटीलेटर और बिना वेंटीलेटर के आईसीयू बिना के कितने बेड खाली हैं। इसकी जानकारी नगर निगम की वेबसाइट और निजी अस्पतालों के लिए एएचएनए की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस संबंध की जानकारी अहमदाबाद जिला कलेक्टर की वेबसाइट पर नहीं डाली गई है।

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