एम्स और आरएमएल में चालू हुए ‘तेजस’ ऑक्सीजन प्लांट्स

– अब सफदरजंग, लेडी हार्डिंग और एम्स, झज्जर में लगाये जायेंगे ऑक्सीजन संयंत्र
– ऑक्सीजन मंगाने के झंझट से मिलेगी मुक्ति, सिलेंडर पर भी निर्भरता होगी खत्म 
नई दिल्ली, 06 मई (हि.स.)। पीएम केयर्स फंड से सबसे पहले दिल्ली एम्स के ट्रॉमा सेंटर और आरएमएल अस्पताल में ऑक्सीजन संयंत्र लगाकर बुधवार देर रात ऑपरेशनल कर दिए गए। दोनों अस्पतालों के लिए संयंत्रों के उपकरण मंगलवार को राजधानी पहुंच गए थे। इसी सप्ताह सफदरजंग अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और एम्स, झज्जर (हरियाणा) में संयंत्र स्थापित करने की तैयारी है। यह मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट (एमओपी) लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस में उड़ान के दौरान ऑक्सीजन पैदा करने के लिए विकसित की गयी तकनीक पर बनाये गए हैं। 

दिल्ली एम्स के ट्रॉमा सेंटर और आरएमएल अस्पताल में लगाने के लिए यह प्लांट्स 4 मई को दिल्ली पहुंचे और तत्काल इन्हें दोनों असपातालों में पहुंचाया गया। रातो-रात इन प्लांट्स को लगाने का काम पूरा होने के बाद बुधवार को दिन भर प्लांट का ट्रायल किया गया। ट्रायल सफल होने के बाद देर रात तक इन प्लांट्स को ऑपरेशनल कर दिया गया। ऐसे प्लांट से 24 घंटे के अंदर 47 लीटर के 197 सिलेंडर कम से कम 150 बार भरे जा सकते हैं। हर दिन ऐसे प्लांट से किसी भी अस्पताल में 195 मरीजों की जरूरत पूरी की जा सकती है। डीआरडीओ को प्लानिंग करने से लेकर अस्पताल में प्लांट लगाकर ऑपरेशनल करने तक सिर्फ एक हफ्ते का समय लगा है। इन प्लांट्स को एम्स और आरएमएल के मौजूदा ऑक्सीजन स्टोरेज से जोड़ दिया गया है। अब इसके बाद ये ऑक्सीजन प्लांट्स सफदरजंग अस्पताल, लेडी हार्डिग्स मेडिकल कॉलेज, एम्स झज्जर हरियाणा में लगाये जायेंगे। 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले हफ्ते पीएम केयर्स फंड से देश के 500 अस्पतालों में इस तरह के ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने की घोषणा की थी जिसकी शुरुआत दिल्ली से की गई है। यानी यह पांचों प्लांट पीएम केयर्स फंड से तीन माह के भीतर देशभर में स्थापित होनेवाले 500 मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट का हिस्सा हैं। डीआरडीओ ने खुद इन मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट्स की तकनीक विकसित की है जिससे स्वदेशी हल्के मल्टीरोल कॉम्बैट फाइटर जेट में ऑक्सीजन की सप्लाई की जाती है। यानी अब जिस तकनीक से लड़ाकू विमान तेजस के अंदर बैठे पायलट्स को ऑक्सीजन मिलती है, उसी तकनीक से कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन बनाकर दी जाएगी।इस तकनीक से वायुमंडल में मौजूद हवा को खींचकर उसमें से ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा सकता है।  
डीआरडीओ ने मेसर्स टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड, बेंगलुरु को 332 और मेसर्स ट्राइडेंट न्यूमेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड, कोयंबटूर को 58 मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट की आपूर्ति के आदेश दिए हैं। दोनों फर्म देश के विभिन्न अस्पतालों में 380 संयंत्र लगाएंगी। सीएसआईआर से संबंधित भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून के साथ काम करने वाले उद्योग 120 संयंत्र लगाएंगे।इसके साथ ही 380 मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री केयर्स फंड के तहत प्रति माह 125 संयंत्र के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। इस तरह उम्मीद की जा रही है कि तीन महीनों के भीतर 500 मेडिकल ऑक्सीजन संयंत्र लगाए जाएंगे।एक बार यह प्लांट लगने के बाद अस्पताल को ऑक्सीजन मंगाने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। साथ ही सिलेंडर पर निर्भरता भी खत्म होगी।

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