लंदन, 06 मई (हि.स.)। जी-7 के विदेश और विकास मंत्रियों की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वर्चुअल तरीके से भाग लिया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल दो सदस्यों के कोरोना संक्रमित होने के बाद विदेश मंत्री ने यह निर्णय लिया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि टीकाकरण और विविध उत्पादन के जरिये ही कोरोना महामारी से निपटा जा सकता है। भारत इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में अपनी जिम्मेदारी निभाएगा।
विदेश मंत्री ने अन्य विदेश मंत्रियों के साथ चर्चा में हिस्सा लिया। उन्होंने आगे कहा, कोरोना से निपटने का टीकाकरण एकमात्र दीर्घकालिक उपाय है। इसमें वैश्विक रूप से विविध उत्पादन, निर्बाध आपूर्ति श्रृंखला और प्रचुर संसाधन की जरूरत होगी।
बैठक में शामिल होने की तस्वीर के साथ जयशंकर ने ट्वीट किया कि जी-7 के विदेश मंत्रियों की बैठक में साइबर भागीदारी। इतने दूर, फिर भी करीब। जी-7 के सत्र के बीच ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने जयशंकर से बात की और मंत्री ने उन्हें 2030 कार्ययोजना को आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया।
जयशंकर ने ट्वीट किया कि जी-7 सत्रों के बीच प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का संपर्क करना अच्छा लगा। उन्होंने कहा, उन्हें आश्वस्त किया कि विदेश सचिव डोमिनिक राब और मैं 2030 कार्ययोजना को आगे बढ़ाएंगे। हमारे संबंधों को लेकर मोदी-जॉनसन नजरिए को अमलीजामा पहनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष बोरिस जॉनसन ने डिजिटल माध्यम से आयोजित शिखर सम्मेलन के दौरान मंगलवार को ‘रोडमैप 2030 को पेश किया था जो दोनों देशों के संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी की दिशा में ले जाने वाला है।
जयशंकर के साथ ब्रिटेन गये प्रतिनिधिमंडल के दो सदस्य कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। इस वजह से एहतियात के तौर पर विदेश मंत्री ने जी-7 की बैठक समेत अपने शेष आधिकारिक कार्यक्रमों में डिजिटल तरीके से शामिल होने का फैसला किया।
जी-7 समूह के देशों के विदेश मंत्रियों एवं विकास मंत्रियों की बैठक में बतौर अतिथि हिस्सा लेने के लिए ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब के आमंत्रण पर जयशंकर सोमवार को लंदन पहुंचे थे। ग्रुप ऑफ सेवन (जी7) में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, अमेरिका और ब्रिटेन के साथ ही यूरोपीय संघ है।