टोरंटो, 06 मई (हि.स.)। कनाडा ने बुधवार को 12 साल तक के बच्चों के टीकाकरण के लिए फाइजर-बायोएनटेक की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दी है। कनाडा ऐसा करने वाला विश्व का पहला देश बन गया है। अभी अधिकांश देशों में व्यस्कों के कोरोना टीका को मंजूरी मिली है। कुछ देशों में टीकाकरण की न्यूनतम उम्र 16 वर्ष तक है।
कनाडा के चीफ मेडिकल अडवाइजर सुप्रिय शर्मा ने कहा कि कनाडा में बच्चों को कोविड-19 से बचाने के लिए कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दी गई है। कनाडा का यह प्रयास कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में मील का पत्थर साबित होगा। हमने 12-15 उम्र के बच्चों के लिए फाइजर के वैक्सीन को मंजूरी दी है।
शर्मा ने कहा कि टेस्टिंग रिपोर्ट्स की समीक्षा के बाद जल्द ही ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन से भी इसे मंजूरी मिल सकती है। बताया जा रहा है कि अमेरिका भी अगले सप्ताह तक 12-15 वर्ष तक के बच्चों के लिए इस वैक्सीन को मंजूरी दे सकता है।
शर्मा ने बताया कि अमेरिका में 2000 से अधिक किशोरों को टीके के दो डोज लगाए गए, ट्रायल में पता चला कि यह बच्चों पर भी उतना ही सुरक्षित और प्रभावी है जितना वयस्कों पर।
कनाडा के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जिन बच्चों को यह टीका लगाया गया उनमें से कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं पाया गया। वयस्कों में यह टीका संक्रमण से बचाव में 90 फीसदी से अधिक प्रभावी पाया गया है।
बच्चों पर भी टीके के साइड इफेक्ट्स व्यस्कों वाले ही थे, जैसे बांह में दर्द, ठंड लगना और बुखार आदि। फाइजर के टीके को कनाडा में दिसंबर में 16 या इससे अधिक उम्र तक के लोगों के लिए मंजूरी दी थी।
कनाडा में एस्ट्राजेनेका, जॉनसन एंड जॉनसन और मोडेरना जैसे टीकों को भी मंजूरी प्राप्त है और ये 6 महीने तक के बच्चों के लिए वैक्सीन के ट्रायल की तैयारी में हैं।