लंदन, 04 मई (हि.स.)। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और उनके भारतीय समकक्ष नरेन्द्र मोदी के बीच वर्चु्अल शिखर सम्मेलन से पूर्व; ब्रिटिश सरकार ने नई दिल्ली के साथ एक बिलियन पाउंड के निवेश समझौते को अंतिम रूप दिया है। ब्रिटिश पीएमओ ने सोमवार शाम को इसकी पुष्टी की। इस समझौते पर दोनों नेता मंगलवार को होने वाली अपनी वर्चुअल वार्ता के दौरान हस्ताक्षर करेंगे।
यूरोपीय संघ से अलग होने के बाद ब्रिटेन को एक व्यापार सहयोगी की जरूरत थी और इस संबंध में वह भारत आने वाले थे, लेकिन कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी होने के कारण उनका दौरा रद्द हो गया था। जॉनसन की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि हमारे देशों के बीच आर्थिक संबंध हमारे लोगों को मजबूत और सुरक्षित बनाते हैं।
ब्रिटेन द्वारा घोषित व्यापार एवं निवेश पैकेज के मुताबिक ब्रिटेन के स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में भारत से 533 मिलियन पाउंड का नया निवेश आएगा। इसमें पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का 240 मिलियन पाउंड का निवेश शामिल है। इसके तहत एक नया बिक्री कार्यालय खोला जाएगा। इसके अलावा सूचीबद्ध किए गए कुछ निवेश पहले से ही सार्वजनिक कर दिए गए हैं।
दोनों देशों के बीच इस व्यापार समझौते से निर्यात में आ रही बाधाएं खत्म हो जाएंगी। ब्रिटेन ने उम्मीद जताई है कि उसके मौजूदा स्तर से 2030 में द्विपक्षीय व्यापार प्रति वर्ष दोगुना हो जाएगा जो लगभग 23 बिलियन पाउंड का होगा। प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा है कि यह जो नई पार्टनरशिप डील हुई है उससे भारत के साथ अपनी व्यापारिक साझेदारी को दोगुना करेंगे और दोनों देशों के बीच के संबंध नई ऊचाइयों को छुएंगे।