पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को कृषि मंत्री का कार्यालय घेरने से रोका
नई दिल्ली, 26 फरवरी (हि.स.)। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा किसानों का आंदोलन तीन महीने से अधिक का हो गया है। इस बीच किसानों की मांगों पर सरकार की ओर से सकारात्कमक प्रतिक्रिया नहीं मिलने से नाराज कांग्रेस पार्टी की किसान इकाई ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। उन्होंने इन कानूनों को खेती को बर्बाद करने वाला करार देते हुए इन्हें जल्द से जल्द वापस लेने की मांग की।
किसानों से समर्थन में खड़ी कांग्रेस पार्टी ने लगातार केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर लिया है। ऐसे में आज उसकी किसान इकाई ‘किसान कांग्रेस’ ने केंद्रीय कृषि मंत्री के कार्यालय का घेराव करने की योजना बनाई थी। हालांकि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को 24 अकबर रोड स्थित पार्टी मुख्यालय पर ही रोक दिया। पुलिस ने सुरक्षा का हवाला देते हुए बेरिकेडिंग लगाकर किसी भी प्रदर्शनकारी को कृषि मंत्री के कार्यालय की ओर नहीं जाने दिया।
पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद किसान कांग्रेस के कार्यकर्ता पार्टी मुख्यालय के सामने ही प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान उन्होंने ताली-थाली बजाकर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। उनका कहना है कि मोदी सरकार के मंत्री पहले वार्ता के नाम पर किसानों को बरगलाने का काम करते रहे और अब तो किसानों को अलग-थलग कर छोड़ दिया गया है।
किसान कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि सरकार को किसानों की बातों को सुनना चाहिए और उनकी मांगों पर विचार करना चाहिए। कानून वापस लिये जाने की मांग को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि इस सरकार को ना तो किसानों की चिंता है और ना ही खेती की परवाह है। इन्हें सिर्फ बड़े उद्योगपतियों की पड़ी है और उनके हितों को ध्यान में रखकर ही फैसले किए जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग को लेकर पिछले तीन महीने से किसान दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं। इस दौरान किसान संगठनों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत भी हुई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। हालांकि अपनी मांगों को लेकर किसान अब भी प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं।