स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक एवं संतुलित भोजन तथा नशे से दूर रहने की सलाह दी जाए

अनूपपुर, 25 फरवरी (हि.स.)। जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती है, उसके शरीर में बदलाव होते जाते हैं। उम्र के साथ उच्च रक्तचाप,उच्च शर्करा,शरीर में वसा बढऩे की संभावना भी बढ़ जाती है। इन परिस्थितियों के कारण गैर संचारी रोग विकसित हो सकते हैं जैसे हृदय एवं रक्त की नलियों संबंधी रोग, डाइबिटीज (मधुमेह), कैंसर, सांस संबंधित आदि परेशानी उत्पन्न हो जाती हैं। यह जानकारी जिला कम्युनिटी मोबिलाइजर निश्चय चतुर्वेदी एवं प्रशिक्षण प्रभारी रमेश द्विवेदी के मार्गदर्शन में गैर संचारी रोगों पर चल रहे पांच दिवसीय प्रशिक्षण के दूसरे दिन गुरुवार को प्रशिक्षकों ने आशा कार्यकर्ताओं को दी।

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के तत्वावधान में मौहरी क्षेत्रीय विकास समिति के सहयोग से चल रहे इस प्रशिक्षण में प्रशिक्षक गरिमा श्रीवास्तव ने बताया कि स्त्री एवं पुरुष दोनों को ही गैर संचारी रोग होने का खतरा बना रहता है। पुरुषों में इसकी संभावना अधिक रहती है। कुछ बीमारियां पुरुषों में ज्यादा पाई जाती हैं, तो वहीं स्तन कैंसर एवं बच्चेदानी के मुख के कैंसर जैसे रोग महिलाओं में पाए जाते हैं। हालांकि ऐसी महिलाएं जिनकी माहवारी बंद हो चुकी है, उनमें दिल का दौरा पडऩे की संभावना माहवारी वाली महिलाओं की अपेक्षा अधिक होती है। कुछ गैर संचारी रोग जैसे उच्च रक्तचाप एवं उच्च शर्करा महिलाओं को गर्भावस्था में प्रभावित कर सकते हैं।

गैर संचारी रोग होने के जोखिम के कारक का उदाहरण देते हुए प्रशिक्षक बबिता त्रिपाठी ने बताया कि 24 वर्ष का युवक जब वह 10 वर्ष का था, तब से उसे तंबाकू खाने की आदत पड़ गई। उसके दांतों का रंग फीका एवं पीला हो गया एवं उसके मुंह में छाले होते रहते हैं। इसके प्रभाव को जीवन शैली में परिवर्तन से कम किया जा सकता है। गैर संचारी रोग अमीर और गरीब एवं वंचित लोगों में समान रूप से होने की संभावना रहती हैं।

प्रशिक्षक चेती मेहरा ने बताया कि आम जीवन में जितनी कम उम्र में स्वास्थ्य प्रोत्साहन शुरु होता है, उतना ही अच्छा उसका प्रभाव पड़ता है। एक स्वस्थ जीवन शैली से लोगों के स्वास्थ्य में सुधार आता है। इससे मनुष्य के स्वास्थ्य के महत्वपूर्ण सूचकांक जैसे वजन, रक्त शर्करा, रक्तचाप, रक्त में वसा की मात्रा आदि में सुधार किया जा सकता है। लोगों को सलाह दें कि स्वस्थ रहने के लिए यह आवश्यक है कि लोग पौष्टिक एवं संतुलित भोजन करें, नियमित शारीरिक व्यायाम करें, व्यक्तिगत स्वच्छता रखें, वजन का नियंत्रण करें, मानसिक तनाव से मुक्त रहें तथा तम्बाकू, शराब, नशे जैसी आदतों से दूर रहें।

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