- सीमा पर सैन्य तैनाती और क्षमता का आकलन करने के लिए पीएलए ने तैयार की रिपोर्ट
- एलएसी से चीनी सेना के लौटने के राज का खुलासा सीसीपी की एक रिपोर्ट से हुआ
नई दिल्ली, 25 फरवरी (हि.स.)। पैन्गोंग झील के दोनों किनारों से पीछे हटने के बाद अब एलएसी के अन्य विवादित क्षेत्रों हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और डेमचोक से भी चीन ने विस्थापन पर सहमति जताई है। अगली सैन्य वार्ता में इन क्षेत्रों से सेनाओं को पीछे हटाने की कार्य योजना बननी है। करीब 10 माह तक चले गतिरोध के बाद एलएसी से चीनी सेना के लौटने के राज का खुलासा चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) की एक रिपोर्ट से हुआ है। इस रिपोर्ट में चीन ने माना है कि सीमा पर भारत की सैन्य क्षमता और तैनाती ज्यादा मजबूत है, इसलिए उनके वास्तविक युद्ध के अनुभव को कम करके नहीं आंका जाना चाहिए।
दरअसल, गतिरोध के दौरान चीन सीमा पर हुई दोनों देशों की सैन्य तैनाती और क्षमता का आकलन करने के लिए चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने एक अध्ययन कराया था। यह रिपोर्ट पीएलए अकादमिक के सैन्य विज्ञान के ऑपरेशन थ्योरी एंड रिसर्च डिपार्टमेंट के विशेषज्ञ पान झिनमो ने तैयार की थी। इस रिपोर्ट का खुलासा अब उस समय हुआ है, जब भारतीय और चीनी सैनिक दस महीने तक एक सैन्य गतिरोध में बंद रहने के बाद पूर्वी लद्दाख में पैन्गोंग झील क्षेत्र से पीछे हटे हैं। अपने लम्बे विश्लेषण में सेना की तैनाती के संदर्भ में कहा गया है कि भारत ‘आक्रामक तैनाती’ पर जोर देता है। भारत ने अपनी क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं को प्रदर्शित करते हुए पहली पंक्ति के सैनिकों को स्थिर करने, दूसरी पंक्ति के भंडार को मजबूत करने, अभियानों की गहराई बढ़ाने और रक्षात्मक लचीलापन बढ़ाने की नीति के तहत तैनाती की है।
भारतीय सेना ने ऊंचाई वाले क्षेत्रों में युद्ध के अनुभव से सीखने पर ध्यान दिया है। भारत की सेना ने लचीले ढंग से मारक रणनीति जैसे मारक क्षमता, कम्फ़र्टेड आर्म्स वॉरफ़ेयर, इंफ़ॉर्म वॉरफ़ेयर, लॉजिस्टिक्स सपोर्ट आदि में महारथ हासिल की है। इसलिए भारतीय सेना के वास्तविक युद्ध के अनुभव को कम करके नहीं आंका जाना चाहिए। सीसीपी के आधिकारिक विश्लेषण में कहा गया है कि चीन सीमा पर भारतीय सेना की रणनीति पूर्वी भाग में अरुणाचल प्रदेश की सुरक्षा करने, मध्य में सिक्किम को स्थिर करने और पश्चिमी खंड लद्दाख में आक्रामक हमले करने की रही हैं। इसी वजह से भारत के साथ दशकों में सबसे गंभीर हालिया सैन्य गतिरोध है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारतीय सेना के ज्यादातर मुख्य युद्धक उपकरण और जमीनी सैनिक नाइट विजन उपकरणों से लैस हैं, जिससे वे रात के हमले करने में भी माहिर हैं। इसीलिए उन्हें अपने दुश्मन के ठिकानों पर रात में भी हवाई कार्रवाई करने में क्षमता हासिल है। रिपोर्ट यह भी दावा सार्वजनिक किया गया है, जिसमें भारतीय सेना और वायु सेना की तैनाती के बारे में विस्तृत जानकारी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्वी क्षेत्र में लगभग 85,000 सैनिक, 21 लड़ाकू विमान, 33 परिवहन विमान और 36 हेलीकॉप्टर तैनात हैं। इसी तरह सिक्किम सेक्शन में 64,000 सैनिक, 30 फाइटर जेट, 39 बमवर्षक और 10 हेलीकॉप्टर हैं।
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