-राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में राज्यपाल ने लिया हिस्सा
आइजोल, 20 फरवरी (हि.स.)। मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने शनिवार को मिजोरम के निर्माताओं को राज्य स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित समारोह में श्रद्धा के साथ याद किया। उन्होंने 34वें राज्य स्थापना दिवस पर पूरे राज्य को शुभकामनाएं दीं। कहा कि कोरोना के प्रकोप के कारण मिजोरम में सीमित स्तर पर स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई आइजोल के वनप्पा हॉल में मुख्य समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया। कोविड नियमों के अनुपालन में सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए स्थापना दिवस समारोह आयोजित किया गया।
मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने कहा, “आज हम 34वां स्थापना दिवस मना रहे हैं। मैं मिजोरम के उन निर्माताओं का सम्मान करता हूं जिन्होंने आज के मिजोरम के गठन के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। उन्हाेंने कहा कि उनके बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। इस मौके पर उन्होंने अपील की कि आइए हम सब मिलकर काम करें, आगे बढ़ें और एक मॉडल राज्य के रूप में मिजोरम का निर्माण करें।
स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य भर में कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। हालांकि इसे धूमधाम से मनाने का कोई अवसर नहीं था। मिजोरम की राजधानी आइजोल ने जिला स्तर स्थापना दिवस की मेजबानी की। मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा को सुबह से ही शुभकामनाएं मिल रही हैं।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने मिजोरम के स्थापना दिवस के दिन अपनी बधाई व शुभकामनाएं प्रेषित की। उन्होंने एक बयान में कहा, मैं स्थापना दिवस के अवसर पर मिजोरम के लोगों को हार्दिक बधाई देता हूं। उनके शब्दों में, मिजोरम के नागरिकों की एकता और दैनिक जीवनयात्रा पर सभी की नजर है। मैं उनके अधिक विकास, शांति और समृद्धि की कामना करता हूं।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के अलावा मणिपुर, नागालैंड, असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने भी स्थापना दिवस पर मिजोरम को बधाई दी है। असम के शिक्षा, स्वास्थ्य और वित्त मंत्री और नेडा संयोजक डॉ हिमंत बिश्वाशर्मा ने भी मिजोरम के लोगों को शुभकामनाएं दीं हैं।
उल्लेखनीय है कि 2011 की जनगणना के तहत मिजोरम की कुल आबादी 1,091,014 है। देश के सबसे कम जनसंख्या के लिहाज से यह दूसरा राज्य है। राज्य का कुल इलाका 21087 स्क्वायर किलोमीटर है, जिसमें 91 फीसद इलाका है वन आच्छादित है। पूर्वोत्तर के दूसरे राज्यों की तरह मिजोरम भी 1972 तक केंद्र शासित प्रदेश बनने से पहले असम का हिस्सा था। जो 1987 के 20 फरवरी को नई राज्य के तौर पर देश के मानचित्र में शामिल हुआ। इस राज्य के 95 फिसद लोग जनजाति समुदाय के हैं। सबसे दिलचस्प बात यह है कि मिजोरम देश के उन तीन राज्यों में से है जहां 87 फीसद लोग क्रिस्चियन धर्म को मानने वाले हैं।