नई दिल्ली, 08 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में एक अलग ही अंदाज में विपक्षी दलों पर देश का मनोबल गिराने को लेकर निशाना साधा। उन्होंने मैथिलीशरण गुप्त की एक कविता ‘अवसर’ को अपने तरीके से पेश करते हुए कहा कि आज का वक्त देश के आत्मनिर्भर होकर दौड़ने का है। जबकि विपक्षी पार्टियां सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए देश को पीछे धकेलने में लगी हैं।
दरअसल, राज्यसभा में आज प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। अपने संबोधन में उन्होंने आजादी के 75वें वर्ष में देश के प्रवेश करने को लेकर कहा कि हर एक व्यक्ति को देश के लिए कुछ करने का जज्बा रखते हुए हमेशा प्रयासरत भी रहना होगा। इस दौरान उन्होंने मैथिलीशरण गुप्त की कविता का पाठ करते हुए कहा कि देश के लिए बेहतर सोच के साथ काम करने का हर अवसर कीमती है और विपक्ष को भी यह समझना चाहिए।
मोदी ने कहा कि जब वो अवसरों की बात करते हैं तो उन्हें मैथिलीशरण गुप्त की एक कविता याद आती है, जिसमें उन्होंने कहा था, ‘अवसर तेरे लिए खड़ा है, फिर भी तू चुपचाप पड़ा है। तेरा कर्म क्षेत्र बड़ा है, पल-पल है अनमोल, अरे भारत उठ, आंखें खोल…।’ फिर उन्होंने कहा कि इस कविता को लेकर मन में अक्सर ख्याल आता है कि अगर आज के दौर को लेकर मैथिलीशरण गुप्त को कुछ लिखना होता तो वे क्या लिखते। उन्होंने गुप्त जी की कविता की पंक्तियों में कुछ परिवर्तन करते हुए कहा, ‘अवसर तेरे लिए खड़ा है, तू आत्मविश्वास से भरा पड़ा है, हर बाधा, हर बंदिश को तोड़, अरे भारत आत्मनिर्भरता के पथ पर दौड़..।’
वहीं विपक्ष को निशाने पर लेते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विरोध करने के लिए कई मुद्दे हैं और विपक्ष को अपना मजबूत पक्ष रखना भी चाहिए। हालांकि विरोध के दौरान देश की गरीमा और मनोबल को ताक पर रखकर राजनीति करना सर्वथा गलत है। मोदी ने कहा, ‘भारत के राष्ट्रवाद पर चौतरफा हो रहे हमले से आगाह करना जरूरी है। भारत का राष्ट्रवाद न तो संकीर्ण है, न स्वार्थी है, न आक्रामक है। ये सत्यम, शिवम, सुंदरम से प्रेरित है।