इस्लामाबाद, 08 फरवरी (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय आंतकवाद के खिलाफ बात करते हुए वरिष्ठ पत्रकार अखलाक अहमद उस्मानी ने कहा है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद कश्मीर में शांति लाने में रुकावट ला रहा है।
राजनयिक रविन्द्र म्हात्रे की 37वीं जयंती के अवसर पर हो रही बातचीत के दौरान एकमत से कहा गया कि कश्मीर में शांति तभी हो सकती है जब पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद करे और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसे रोकने में सहयोग करे। मुस्लिम छात्रसंघ के अध्यक्ष शुजात अली कादरी ने कहा कि राजनयिक की हत्या भारत के खिलाफ लड़ाई जैसा है। साथ ही क्षेत्रीय शांति लाने में भारत की ओर से किए जा रहे प्रयासों के बारे पर भी बातचीत हुई। इसके साथ-साथ उन्होंने ब्रिटिश प्रशासन से दोबारा इस मामले में जांच का आग्रह किया।
उल्लेखनीय है कि म्हात्रे बिर्मिंघम स्थित भारतीय उच्चायोग में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर तैनात थे। 03 फरवरी 1984 को जम्मू-कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) ने उनका अपहरण कर लिया था। इसके बाद 06 फरवरी को सड़क पर उनका शव बरामद हुआ था।
दरअसल, म्हात्रे जेकेएलएफ संस्थापक मकबूल भट्ट को रिहा करने को लेकर बातचीत करने गए थे और उस दौरान उनका अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। भारत ने आतंकवादियों के साथ बात करने से मना कर दिया था। साल 1984 में म्हात्रे का शव मिलने के बाद मकबूल भट्ट को फरवरी 1984 में फांसी हो गई थी।