कोलकाता, 08 फरवरी (हि.स.)। देशभर के किसानों को मिलने वाली केंद्र की महत्वाकांक्षी वित्तीय मदद योजना पीएम किसान सम्मान निधि को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं करने को लेकर ममता बनर्जी की सरकार बैकफुट पर है। केंद्रीय मदद से किसानों को वंचित रखने को लेकर लगातार सवालों के घेरे में रहने वाली मुख्यमंत्री ममता ने सोमवार को बड़ा दावा किया। राज्य विधानसभा में बजट चर्चा में सीएम ने कहा कि किसान सम्मान निधि के लिए उन्होंने ढाई लाख किसानों की सूची केंद्र को सौंपी है।
दरअसल एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगाल में थे और हल्दिया में जनसभा को संबोधित करते हुए आरोप लगाया था कि पश्चिम बंगाल में किसानों को 6000 रुपये की सालाना वित्तीय मदद नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा था कि ममता बनर्जी की सरकार ने केवल राजनीतिक ईर्ष्या में किसानों को इस सम्मान निधि की सहायता से वंचित कर रखा है।
इसका जवाब देते हुए ममता ने कहा, “मोदी को झूठ बोलने का अभ्यास हो गया है। वह लगातार झूठ बोल रहे हैं।” विधानसभा में संबोधन करते हुए ममता ने कहा, “मैं चाहती हूं बटाईदार और खेत में काम करने वाले मजदूरों को भी किसान सम्मान निधि का लाभ मिले। लेकिन उनकी योजना (पीएम किसान सम्मान निधि) तो दो एकड़ जमीन पर खेती करने वाले किसानों के लिए है। हमारी सरकार ने कहा था कि केंद्र सरकार हमसे आंकड़े साझा करें लेकिन हमें कोई डाटा नहीं दिया गया। उन्होंने (केंद्र ने) स्टेट पोर्टल पर किसानों का हिसाब नहीं दिया। अपने पोर्टल पर किसानों का अलग से हिसाब रख रहे हैं।”
इस संबंध में प्रधानमंत्री को लिखी अपनी चिट्ठी को विधानसभा में दिखाते हुए ममता बनर्जी ने कहा, “केंद्र सरकार ने छह लाख किसानों के नामों की सूची हमें दी थी जिसे वेरीफाई (सर्वे) करना था। हमने ढाई लाख किसानों की सूची वेरीफाई कर दी है। हमने यह भी कहा है कि प्रतिदिन एक लाख किसानों का सर्वे करके देंगे। यह करके मैंने बार-बार प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है।”