अमेरिका में कोरोना से मौतों का आंकड़ा साढ़े चार लाख के पार, ब्रिटेन ने भी लिया बड़ा फैसला

वाशिंगटन, 06 फरवरी (हि.स.)। अमेरिका में कोरोना वैक्सीन लोगों को लगाने के बाद भी हर दिन तीन हजार से ज्‍यादा लोगों की मौत हो रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में कोरोना से मौतों के मामले साढ़े चार लाख को पार कर गए हैं। अमेरिका में बुधवार को कोरोना से 3,912 लोगों की मौत हुई थी। वहीं ब्रिटेन ने नए नियम के तहत रेड लिस्‍ट वाले 33 देशों से आने वाले लोगों को 15 फरवरी से सरकारी केंद्रों में 10 दिन के लिए क्‍वारंटीन रहना अनिवार्य कर दिया है।

पेंटागन ने संक्रमण को रोकने के लिए अमेरिकी रक्षा विभाग के परिसर में काम करने वाले सभी कर्मचारियों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। पेंटागन के अनुसार विभाग के कर्मचारियों में संक्रमण के कुल 225,753 मामले सामने आए हैं। इसमें उनके परिवार के सदस्य और कॉन्ट्रैक्टर भी शामिल हैं। समाचार एजेंसी आइएएनएस के मुताबिक 225,753 मामलों 50,594 केस सेना जबकि 17,820 मामले मरीन कॉर्प्स में सामने आए हैं। यही नहीं 30,005 मामले नौसेना जबकि 25,944 केस एयरफोर्स में सामने आए हैं।

अमेरिकी नेशनल गार्ड्स में संक्रमण के 18,034 केस सामने आए हैं। रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र की नई निदेशक डॉ. रोशेल वेलेंस्की का कहना है कि हम अभी भी खराब स्थिति में हैं। विशेषज्ञों की मानें तो अमेरिका में संक्रमण से होने वाली मौतों में जल्द गिरावट आने लगेगी। हालांकि कम मामले होने पर लापरवाही के चलते संक्रमण के बढ़ने का भी खतरा बरकरार रहेगा।

ब्रिटेन और ब्राजील में भी मौतों का सिलसिला जारी

ब्रिटेन में बीते 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण से 915 लोगों की मौत हुई है जबकि 20,634 नए मामले सामने आए हैं। ऑक्सफोर्ड ने कहा है कि एस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन ब्रिटेन में पाए गए कोविड के नए वैरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी है। वहीं ब्राजील में पिछले चौबीस घंटों के दौरान 56,873 लोग संक्रमित हुए हैं जबकि 1232 लोगों की मौत हुई है।

ब्रिटेन ने लिया बड़ा फैसला

ब्रिटेन ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए बड़ा फैसला लिया है। ब्रिटेन ने कोरोना के लिहाज से ज्‍यादा जोखिम वाले दक्षिण अफ्र‍िका और दक्षिण अमेरिका से आने वाले लोगों के लिए 15 फरवरी से सरकारी केंद्रों में 10 दिन के लिए क्‍वारंटीन रहना अनिवार्य करने का फैसला किया है। नए नियम रेड लिस्‍ट वाले 33 देशों से आने वाले लोगों पर प्रभावी होंगे। इन देशों में दक्षिण अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका और यूएई, पुर्तगाल जैसे देश शामिल हैं।

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