नई दिल्ली, 03 फरवरी (हि.स.)। लोकसभा में कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के हंगामें के कारण आज दूसरे दिन भी प्रश्नकाल और शून्यकाल की कार्यवाही नही हो सकी और बैठक चार बार स्थगन के बाद गुरुवार शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
चार बार के स्थगन के बाद रात नौ बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल समेत अन्य विपक्षी दलों के सदस्य किसान आंदोलन पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सभी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की सहमति दी थी, किंतु अब संसदीय परंपरा का अपमान कर रहे हैं।
विपक्षी सदस्यों की मांग थी कि सरकार कृषि सुधार कानूनों को रद्द करे। सदन में हंगामा थमता न देख अध्यक्ष ओम बिरला ने कुछ ही मिनट बाद बैठक गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पूर्व, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने चार बार स्थगन के बाद सात बजे सदन की बैठक शुरू होने पर महत्वपूर्ण दस्तावेज पटल पर रखने की कार्यवाही पूरी की। उसके बाद उन्होंने कहा कि कुछ सदस्यों ने कार्यस्थगन प्रस्ताव दिया था, किंतु उन्होंने किसी भी प्रस्ताव को अनुमति नही दी है। इसके बाद उन्होंने शून्यकाल की कार्यवाही शुरू करने की घोषणा की। इस दौरान सदन में हंगामा जारी रहा।
इस बीच, संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्षी दलों पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि सभी दलों के नेताओं से उन्होंने संपर्क किया था और उन्होंने इस बात पर सहमति जताई थी कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा पूरी होगी। किंतु, विपक्षी सदस्य अपने वादे से पीछे हट रहे हैं।
इस दौरान विपक्षी सदस्य ‘किसानों पर हमले बंद करो’, ‘काला कानून वापस लो’ के नारे लगा रहे थे। सदन में शोरगुल और हंगामा बढ़ता देख लोकसभा अध्यक्ष ने बैठक शाम सात बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले, लोकसभा की बैठक चार बजे शुरू होने के बाद कुछ ही मिनटों में साढ़े चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। साढ़े चार बजे दोबारा बैठक शुरु होने पर पांच बजे तक और उसके बाद तीसरी बार सात बजे और फिर नौ बजे तक के लिए स्थगित की गई ।