अहमदाबाद, 01 फरवरी (हि॰स.)। कोरोना महामारी के कारण 10 महीने से बंद पड़े स्कूलों में आज से 9वीं और 11वीं कक्षाओं की शुरुआत के साथ अब राज्य में कक्षा 9 से 12वीं तक के स्कूलों में ऑफ़लाइन शैक्षणिक कार्य शुरू हो गया है। अहमदाबाद के स्कूलों में शैक्षणिक कार्य शुरू होने पर छात्रों को तय एसओपी का पालन करना पड़ रहा है। छात्रों ने कहा कि हम ऑनलाइन की बजाय स्कूलों में पढ़ना पसंद करते हैं।
गुजरात शिक्षा विभाग द्वारा आज से 9वीं और 11वीं कक्षाएं भी शुरू कर दी गई हैं। हालांकि कक्षा 10 और 12वीं के छात्रों के लिए स्कूल पहले ही खोल दिए गए थे। इस तरह अब इन चारों कक्षाओं के छात्रों की भीड़ को ध्यान में रखते हुए वर्तमान में स्कूल प्रशासकों ने कक्षा 9 और 11 के छात्रों के लिए सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को कक्षाएं लगाने की प्रणाली लागू की है। इसी तरह कक्षा 10 और 12वीं के छात्रों के लिए मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को कक्षाएं लगाने की प्रणाली को अपनाया गया है।
मेमनगर में दिव्यपथ स्कूल के प्रिंसिपल संजय पटेल ने कहा कि अब स्कूल कक्षा 9 से 12 तक चलेगा। हम नई प्रणाली के अनुसार 10 दिन देखेंगे। आगे के निर्णय इस तरह से लिए जाएंगे ताकि छात्रों को परेशानी न हो। वर्तमान में हम ऑफ़लाइन के अलावा ऑनलाइन भी कक्षा 9 से 12वीं तक के छात्रों को पढ़ाते हैं। ऑनलाइन विकल्प उन माता-पिता के लिए खुला है, जो अपने बच्चे को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं। जैसे ही स्कूल शुरू होते हैं, हम छात्रों को शारीरिक दूरी, हैंड सैनिटाइजर और मास्क के बारे में जागरूक करते हैं।
पहले दिन आज स्कूलों में छात्रों की धूम रही। हालांकि केवल 30 से 35 फीसदी छात्र ही स्कूल पहुंचे। हालांकि, माता-पिता अभी भी कोरोना के डर के कारण अपने बच्चों को स्कूल भेजने से बच रहे हैं और कुछ छात्र ऑनलाइन पढ़ाई करना पसंद करते हैं।
अहमदाबाद के असरवा इलाके में स्कूल के प्रिंसिपल हिमांशु पटेल ने कहा कि यह खुशी की बात है कि 10 महीने की लंबी अवधि के बाद छात्र आज स्कूल आए हैं। आज स्कूल में कोरोना के दिशानिर्देश के अनुसार सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। छात्रों के शरीर का तापमान थर्मल गन से मापा गया और कक्षा में दो छात्रों के बीच की दूरी को बनाए रखने के लिए व्यवस्था की गई है। वर्तमान में 30 प्रतिशत छात्र स्कूल आ रहे हैं लेकिन ऐसा लगता है कि अगले 2-3 दिनों में और अधिक छात्र स्कूल आएंगे। हमने अभिभावकों को भी बताया है कि हम सभी सतर्क हैं।
स्कूल ने कोरोना के दिशानिर्देशों के अनुसार छात्रों के लिए व्यवस्था की है। छात्रों का कहना है कि हमारे लिए स्कूल की तुलना में ऑनलाइन अध्ययन करना आसान है। इस मामले में एक अभिभावक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हम खुश हैं कि सरकार ने स्कूल शुरू करने का फैसला किया है लेकिन हम अपने बच्चे को लेकर बहुत चिंतित भी हैं। हम 2-3 दिनों के बाद अपने बच्चे को स्कूल भी भेजेंगे। इसके बावजूद हम बच्चे के भविष्य के बारे में भी चिंतित हैं।